पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के आर्थिक पैकेज की घोषणा की तीसरी किश्त पर सवाल उठाते हुए बजट को स्पष्ट तरीके से बताने की मांग की है. चिदंबरम ने कहा, "कृपया वित्त मंत्री स्पष्ट करें कि क्या उन्होंने कल (शुक्रवार) घोषित की गई रकम (500 करोड़ रुपये और 13,343 करोड़ रुपये) व्यय बजट में सम्मिलत की है या यह अतिरिक्त रकम है."
पूर्व मंत्री ने मधुमक्खी पालन परियोजना पर सवाल उठाए और कहा कि व्यय बजट 2020-21 में पहले ही राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत बीईई कीपिंग के लिए 2,400 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. उन्होंने कहा,
“इसी तरह पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत पैरों और मुंह के रोगों के खिलाफ लड़ाई पहले ही शुरू हो चुकी है, जिसमें पांच साल का 13,343 करोड़ रुपये का परिव्यय और 2020-21 में 1,300 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है.”
सीतारमण ने की थी घोषणा
वित्तमंत्री सीतारमण ने शुक्रवार को घोषणा की थी कि, कृषि क्षेत्र के लिए गोदाम और कोल्ड-चेन बनाने के लिए एक लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इसके अलावा उन्होंने मत्स्य पालन के समेकित, सतत और समावेशी विकास के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई) के माध्यम से मछुआरों के लिए 20,000 करोड़ रुपये की योजना की घोषणा की.
योजना में समुद्री, अंतदेर्शीय मत्स्य और जलीय कृषि में गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए 11,000 करोड़ रुपये शामिल होंगे, जबकि बाकी 9,000 करोड़ रुपये मछली पकड़ने के बंदरगाह, कोल्ड चेन और बाजारों जैसे बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए खर्च किए जाएंगे.
सीतारमण ने फुट एंड माउथ डिजीज (एफएमडी) और ब्रुसेलोसिस के लिए एक राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम शुरू करने की घोषणा की, जिसका कुल परिव्यय 13,343 करोड़ रुपये है. मंत्री ने उत्पादों के निर्यात के लिए प्रसंस्करण संयंत्रों की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए 15,000 करोड़ रुपये के पशुपालन अवसंरचना विकास कोष की घोषणा की.
इसके अलावा, पोषण उत्पादों के लिए 10,000 करोड़ रुपये की क्लस्टर आधारित विनिर्माण योजना भी मंत्री द्वारा घोषित की गई है.
इनपुट आईएएनएस से
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