ADVERTISEMENTREMOVE AD

मद्रास HC की चीफ जस्टिस ताहिलरमानी ने किया इस्तीफा देने का फैसला

जस्टिस ताहिलरमानी ने कॉलेजियम से किया था ट्रांसफर पर पुनर्विचार का अनुरोध

Published
भारत
2 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा ट्रांसफर प्रस्ताव पर पुनर्विचार के आग्रह को ठुकरा दिए जाने के बाद मद्रास हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस विजया के. ताहिलरमानी ने इस्तीफा देने का फैसला किया है.

बता दें, सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने मद्रास हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस विजया के. ताहिलरमानी का ट्रांसफर मेघालय हाई कोर्ट में करने की सिफारिश की थी. लेकिन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबडे, एनवी रमना, अरुण मिश्रा और आर. नरीमन वाले कॉलेजियम ने जस्टिस ताहिलरमानी के उस अनुरोध को ठुकरा दिया जिसमें उन्होंने 28 अगस्त के ट्रांसफर प्रस्ताव पर पुनर्विचार का आग्रह किया था.

कॉलेजियम ने कहा था कि जस्टिस ताहिलरमानी के अनुरोध पर विचार करना संभव नहीं है क्योंकि मेघालय हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस एके मित्तल का ट्रांसफर पहले ही मद्रास हाई कोर्ट किया जा चुका है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

मद्रास के वकीलों ने कॉलेजियम से किया ताहिलरमानी के ट्रांसफर पर पुनर्विचार का अनुरोध

मद्रास हाई कोर्ट के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट को खत लिखकर कॉलेजियम के निर्णय पर पुनर्विचार किए जाने का आग्रह किया है. कॉलेजियम ने मद्रास हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस वीके ताहिलरमानी का मेघालय हाई कोर्ट ट्रांसफर किए जाने की सिफारिश की थी.

कॉलेजियम ने बीते 28 अगस्त को मेघालय हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस एके मित्तल को मद्रास हाई कोर्ट और ताहिलरमानी को मेघालय हाई कोर्ट ट्रांसफर किए जाने की सिफारिश की थी.

खत में वकीलों ने कहा है कि जस्टिस ताहिलरमानी पूरे देश में वरिष्ठता के क्रम में सबसे वरिष्ठ हाई कोर्ट जज हैं. वह मद्रास हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस से पहले दो बार बॉम्बे हाई कोर्ट में कार्यवाहक चीफ जस्टिस रह चुकी हैं. लेकिन चीफ जस्टिस ताहिलरमानी को मद्रास हाई कोर्ट से देश के छोटे से हाई कोर्ट में ट्रांसफर किया जाना, न सिर्फ अनुचित है, बल्कि अपमानजनक भी है.

समाचार एजेंसी PTI के अनुसार, जस्टिस ताहिलरमानी ने बॉम्बे हाई कोर्ट की कार्यवाहक चीफ जस्टिस के तौर पर मई, 2017 में बिलकिस बानो सामूहिक दुष्कर्म मामले में 11 लोगों की उम्र कैद की सजा बरकरार रखी थी. इस मामले को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गुजरात से महाराष्ट्र ट्रांसफर किया गया था.

बता दें, जस्टिस ताहिलरमानी के सेवाकाल सिर्फ एक साल बचा है, वह सितंबर 2020 में रिटायर हो जाएंगी.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

0
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×