Childhood Cancer: WHO के चौंकाने वाले आंकड़े बताते हैं कि दुनिया में हर साल 4 लाख बच्चों को कैंसर हो जाता है, इस आंकड़े में 19 साल तक के टीनेजर भी शामिल हैं. कैंसर गंभीर बीमारी तो है ही लेकिन जरा सोचिए अगर ये एक बच्चे को होती है तब क्या क्या हो सकता है...
लैंसेट ऑनकॉलजी कमिशन ने 2020 में एक अनुमान के तहत बताया कि अगले 30 सालों में 1 करोड़ 37 लाख बच्चों में कैंसर डाइग्नोस होगा और अगर इस पर गंभीरत से ध्यान नहीं दिया गया तो इनमें से एक करोड़ से ज्यादा बच्चों की मौत हो सकती है. बात भारत की करें तो हर साल 50 हजार बच्चों में कैंसर डाइग्नोस होता है यानि हर 11 मिनट में एक बच्चा कैंसर से पीड़ित हो रहा है.
बात साफ है भारत में कैंसर डाइग्नोस होने में देरी हो रही है, ठीक से बच्चे को केयर नहीं मिल पाती है, दवाइयों तक पहुंच भी मुश्किल है, पैसों की कमी एक अलग समस्या है और फिर लोगों द्वारा ये मान लेना कि कैंसर का तो कोई इलाज है ही नहीं. इस पर डीटेल में क्विंट हिंदी पर एम्स दिल्ली में डिपार्टमेंट ऑफ पीडीयाट्रिक्स की ऑनकॉलजी डीवीजन की डॉ रचना सेठ ने बात की है. साथ ही सुनिए कैंसर सर्वाइवर रितु भल्ला और चंदन कुमार की संघर्ष भरी कहानी को.
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