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मुखर्जी का जाना दोनों देशों के रिश्तों के लिए बड़ा नुकसान- चीन

प्रणब मुखर्जी के निधन पर चीनी विदेश मंत्री ने दिया बयान

Published
भारत
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चीन और भारत के रिश्ते लगातार बिगड़ते जा रहे हैं. बातचीत के बाद भी चीन कई बार समझौतों का उल्लंघन कर चुका है. अब भी स्थिति सामान्य बनाने के लिए बातचीत चल रही है. लेकिन इसी बीच चीन की तरफ से भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन पर शोक जताया गया है, इसके साथ ही चीन ने कहा है कि मुखर्जी के जाने से दोनों देशों की दोस्ती को गहरा नुकसान हुआ है.

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प्रणब दा के योगदान को चीन ने किया याद

चीन की तरफ से पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन पर जारी एक बयान के मुताबिक, चीन ने कहा है कि प्रणब मुखर्जी भारत और चीन के रिश्तों के लिए एक सकारात्मक भूमिका निभाई है. चीन के विदेश मंत्री ने अपने इस बयान में कहा गया है,

“प्रणब मुखर्जी भारत के एक पूर्व राजनीतिज्ञ थे. उन्होंने अपने 50 साल के पॉलिटिकल करियर में भारत-चीन के रिश्तों के लिए अपना सकारात्मक योगदान दिया. ये चीन-भारत रिश्तों के लिए और भारत के लिए एक बड़ा नुकसान है. हम उनके निधन पर शोक और अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हैं.”

कोमा में चले गए थे प्रणब मुखर्जी

बता दें कि प्रणब मुखर्जी पहले कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे, जिसके बाद बताया गया कि उनके फेफड़ों में इंफेक्शन है. हॉस्पिटल में भर्ती होने के कुछ ही दिन बाद वो कोमा में चले गए थे. दिल्ली के सेना हॉस्पिटल आरआर के डॉक्टरों की कई कोशिशों के बावजूद उन्हें वापस होश में नहीं लाया जा सका और उन्होंने सोमवार 31 अगस्त की शाम अपनी आखिरी सांस ली.

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अपने लंबे और अनुभवी पॉलिटिकल करियर में वो कई बड़े पदों पर रहे थे. प्रणब मुखर्जी भारत के वित्तमंत्री, रक्षामंत्री और विदेश मंत्री भी रह चुके हैं. इसके बाद उन्हें राष्ट्रपति पद पर मनोनित किया गया. उनके निधन पर पीएम मोदी से लेकर देश के तमाम नेताओं और दिग्गजों ने दुख जताया. पूर्व राष्ट्रपति के निधन के बाद पूरे देश में 7 दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है.

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