ADVERTISEMENTREMOVE AD

China पैंगोंग त्सो पर बना रहा पुल, वहां 1960 से चीन का कब्जा- विदेश मंत्रालय

Arindam Bagchi ने कहा कि हमने अपने क्षेत्र पर इस तरह के अवैध कब्जे को कभी स्वीकार नहीं किया है.

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

पूर्वी लद्दाख में विवादित पैंगोंग त्सो झील (Pangong Tso Lake) पर चीन की ओर से दूसरा पुल बनाने की खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्रालय (MEA) ने शुक्रवार, 20 मई को कहा कि भारत ने कभी भी अपने क्षेत्र पर इस तरह के अवैध कब्जे को स्वीकार नहीं किया है. उन्होंने कहा कि चीन की ओर से पैंगोंग झील पर बनाया जा रहा दूसरा पुल उस क्षेत्र में है जो 1960 से उसके अवैध कब्जे में है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची (Arindam Bagchi) ने कहा कि भारत ने कभी भी भारत के क्षेत्र पर इस तरह के अवैध कब्जे को स्वीकार नहीं किया है. उन्होंने कहा कि हमने चीन की ओर से पैंगोंग झील पर अपने पहले के पुल के साथ एक और पुल के निर्माण की रिपोर्ट देखी है. ये दोनों पुल 1960 के दशक से चीन के अवैध कब्जे वाले क्षेत्रों में हैं. बागची इस मामले में मीडिया के सवालों का जवाब दे रहे थे.

बागची ने कहा कि हमने अपने क्षेत्र पर इस तरह के अवैध कब्जे को कभी स्वीकार नहीं किया है, न ही हमने अनुचित चीनी दावे या ऐसी निर्माण गतिविधियों को स्वीकार किया है. हमने कई मौकों पर स्पष्ट किया है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश भारत का अभिन्न अंग हैं और हम उम्मीद करते हैं कि अन्य देश भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करेंगे. यह सुनिश्चित करने के लिए कि देश के सुरक्षा हित पूरी तरह से सुरक्षित हैं.

बागची ने कहा कि सरकार ने 2014 से विशेष रूप से सड़कों और पुलों के निर्माण सहित सीमा के बुनियादी ढांचे के विकास को आगे बढ़ाया है.

प्रवक्ता ने कहा कि सरकार न केवल भारत की रणनीतिक और सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बल्कि इन क्षेत्रों के आर्थिक विकास को सुविधाजनक बनाने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के निर्माण के उद्देश्य के लिए प्रतिबद्ध है.

उन्होंने कहा कि सरकार भारत की सुरक्षा को प्रभावित करने वाले सभी घटनाक्रमों पर लगातार नजर रखती है और इसकी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए सभी जरूरी उपाय करती है.

चीनी निर्माण से परिचित लोगों ने बुधवार को कहा कि चीन पूर्वी लद्दाख में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण पैंगोंग त्सो के आसपास के क्षेत्र में दूसरा पुल बना रहा है.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट कर कहा कि चीन ने पैंगोंग पर पहला पुल बनाया. भारत सरकार ने कहा हम स्थिति की निगरानी कर रहे हैं. चीन ने पैंगोंग पर दूसरा पुल बनाया. भारत सरकार ने कहा हम स्थिति की निगरानी कर रहे हैं. भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता गैर-परक्राम्य है. एक डरपोक और विनम्र प्रतिक्रिया से काम नहीं चलेगा. पीएम को देश की रक्षा करनी चाहिए.

वहीं, पूर्वी लद्दाख में विवादित क्षेत्र पर चीन की ओर से पुल बनाने की खबरों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बागची ने गुरुवार को कहा था कि यह क्षेत्र दशकों से चीनी पक्ष के कब्जे में है.

बागची ने यह भी कहा कि भारत इस तरह के घटनाक्रम की निगरानी करता है, और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मीडिया के साथ स्पष्ट किया था कि अप्रैल 2020 से चीन की तैनाती से उत्पन्न होने वाले तनाव को दो पड़ोसियों के बीच सामान्य संबंधों के साथ समेटा नहीं जा सकता है.

उन्होंने कहा कि आप यह भी जानते हैं कि (चीनी) विदेश मंत्री वांग यी इस साल मार्च में यहां थे और विदेश मंत्री जयशंकर ने उन्हें हमारी उम्मीदों से अवगत कराया था. प्रवक्ता ने यह भी कहा कि भारत और चीन ने राजनयिक और सैन्य स्तर पर कई दौर की बातचीत की है और आगे भी बातचीत जारी रहेगी.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×