चीन (China) ने कश्मीर (Kashmir) में जी20 बैठक (G20 Meet) आयोजित करने का विरोध किया है, जबकि तुर्की और सऊदी अरब ने श्रीनगर में होने वाले कार्यक्रम के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है. 19 मई को चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि, "चीन 'विवादित' क्षेत्रों में किसी भी रूप में जी20 बैठक आयोजित करने का दृढ़ता से विरोध करता है और ऐसी बैठकों में शामिल नहीं होगा."
भारत ने यह कहते हुए जवाब दिया है कि वह अपने किसी भी क्षेत्र में बैठकें करने के लिए स्वतंत्र है. भारत ने कहा कि चीन के साथ सामान्य संबंधों के लिए उसकी सीमा पर अमन-चैन जरूरी है.
तुर्की और सऊदी अरब ने नहीं कराया रजिस्ट्रेशन- रिपोर्ट्स
तीसरे G20 टूरिज्म वर्किंग ग्रुप की बैठक 22-24 मई को क्षेत्र में कड़ी सुरक्षा के बीच श्रीनगर में आयोजित की जाएगी.
2019 में जम्मू और कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किए जाने के बाद से यह जम्मू और कश्मीर में पहला बड़ा अंतरराष्ट्रीय इवेंट है.
श्रीनगर में होने वाली बैठक में जी20 देशों के लगभग 60 प्रतिनिधियों के भाग लेने की उम्मीद है. पहले यह उम्मीद की जा रही थी कि बैठक में 100 से ज्यादा प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे.
चीन और पाकिस्तान दोनों ने कश्मीर में कार्यक्रम आयोजित करने के लिए भारत का विरोध किया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तुर्की ने बैठक से दूर रहने का फैसला किया है, और सऊदी अरब ने अब तक इस आयोजन के लिए रेजिस्ट्रेशन नहीं कराया है. श्रीनगर अभूतपूर्व सुरक्षा घेरे में है. समुद्री कमांडो और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) को जमीन से हवा में सुरक्षा कवर के हिस्से के रूप में क्षेत्र में तैनात किया गया है.
मरीन, जिन्हें मार्कोस के नाम से भी जाना जाता है, इन्होंने शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (SKICC) के आसपास, G20 बैठक के स्थल, डल झील की सुरक्षा का जिम्मा ले लिया है. एनएसजी कमांडो पुलिस और अर्धसैनिक बलों के साथ डोमिनेशन एक्सरसाइज कर रहे हैं. गुरुवार को एनएसजी ने लाल चौक पर छापेमारी की और अर्धसैनिक बलों को हाउसबोट में प्रवेश करते और तलाशी लेते देखा गया.
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