चीनी हैकर्स (chinese hackers) द्वारा लद्दाख में भारत के पावर ग्रिड को निशाना बनाए जाने की रिपोर्ट के बाद केंद्रीय ऊर्जा मंत्री नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने गुरुवार, 7 अप्रैल को बताया कि चीनी हैकर्स द्वारा किए गए प्रयास सफल नहीं हुए. एक रिपोर्ट के अनुसार चाइनीज हैकर्स पिछले कुछ महीनों से भारत के पावर सेक्टर को अपना निशाना बना रहे हैं.
आरके सिंह ने मीडिया को बताया कि चीनी हैकरों द्वारा लद्दाख में बिजली घर को निशाना बनाने के दो प्रयास किए गए थे लेकिन वे सफल नहीं हो पाए. उन्होंने आगे बताया कि हमने इस तरह के साइबर हमलों का मुकाबला करने के लिए अपनी रक्षा प्रणाली को पहले ही मजबूत कर लिया है.
रिकॉर्डेड फ्यूचर (Recorded Future Inc.) की एक रिपोर्ट के अनुसार चाइनीज हैकर्स पिछले कुछ महीनों से भारत के पावर सेक्टर को अपना निशाना बना रहे हैं. रिपोर्ट के अनुसार हैकर्स ने उत्तरी भारत के कम से कम सात लोड डिस्पैच सेंटर्स को अपना निशाना बनाया है. यह इन हैकरों की साइबर जासूसी वाले कैंपेन का हिस्सा है. और इन हैकरों को चीन की सरकार से काफी सपोर्ट भी मिलता है.
रिपोर्ट के मुताबिक, ये सातों लोट डिस्पैच सेंटर लद्दाख में विवादित इंडिया-चाइना बॉर्डर के आस-पास ग्रिड कंट्रोल के लिए रियल-टाइम ऑपरेशन और बिजली पहुंचाने का काम करते हैं . रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि हैकर्स ने इंडियन नैशनल इमर्जेंसी रिस्पॉन्स सिस्टम और एक मल्टीनैशनल लॉजिस्टिक कंपनी की सब्सिडियरी की सुरक्षा में भी सेंधमारी की है.
रिपोर्ट के मुताबिक, इस हैकिंग से जुड़े ग्रुप का नाम TAG-38 है. यह वायरस वाले एक सॉफ्टवेयर- ShadowPad का इस्तेमाल करता है. यह वही सॉफ्टवेयर है, जिसे पहले चीन की PLA और मिनिस्ट्री ऑफ स्टेट सिक्योरिटी यूज किया करती थी
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