भारत और चीन के बीच पिछले कई हफ्तों से जारी तनाव फिलहाल थोड़ा शांत जरूर हुआ है, लेकिन एलएसी पर लगातार हलचल जारी है. पहले खबर सामने आई थी कि चीनी सेना एलएसी के कुछ इलाकों से पीछे हटने को तैयार नहीं है, इसके अलावा ये भी कहा गया था कि चीन ने अपने एयरबेस पर बॉम्बर एयरक्राफ्ट तैनात कर दिए हैं. इसी को देखते हुए अब भारत लगातार चीन की निगरानी कर रहा है. खासतौर पर भारतीय एजेंसियों की नजर चीनी एयरफोर्स की हरकतों पर है.
इन 7 चीनी एयरबेस पर सुरक्षा एजेंसियों की नजर
चीन के धोखा देने वाले इतिहास को देखते हुए भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में लगातार नजर रखना शुरू कर दिया है. न्यूज एजेंसी एएनआई ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया है कि चीन के 7 मिलिट्री एयरबेस पर खास नजर रखी जा रही है. जिनमें- होतान, गार गुंसा, काशगर, होप्पिंग, कोंका जॉन्ग, लिंझी और पंगत एयरबेस शामिल है. बताया गया है कि इन सभी मिलिट्री एयरबेस पर लगातार हलचल देखी जा रही है.
इसके अलावा ये भी बताया गया है कि चीन ने एलएसी के पास अपने एयरबेस के नजदीक कंस्ट्रक्शन भी शुरू कर दिया है. जिसमें रनवे की लंबाई को भी बढ़ाया जा रहा है. साथ ही मैन पावर को भी लगातार बढ़ाया जा रहा है, जिससे ज्यादा से ज्यादा काम हो सके.
सूत्रों के मुताबिक लिंझी एयरबेस नॉर्थ-ईस्ट के ठीक पीछे है. जिसका इस्तेमाल हेलिकॉप्टर्स के लिए किया जाता है. लेकिन पिछले कुछ दिनों से यहां पर और हेलीपैड तैयार किए जा रहे हैं. जिससे वो पूरे इलाके में निगरानी और ज्यादा बढ़ा सकें.
सिर्फ इतना ही नहीं सैटेलाइट इमेज में ये भी खुलासा हुआ है कि लद्दाख के ठीक पीछे चीन ने अपने एयरबेस पर सुखोई-30 का चाइनीज वर्जन फाइटर एयरक्राफ्ट और अपने जे सीरीज फाइटर्स को तैनात किया है. इसके अलावा पिछले दिनों बॉम्बर एयरक्राफ्ट की तैनाती का भी खुलासा हुआ था. जिन्हें काशगर एयरबेस पर तैनात किया गया है.
भारत भी पूरी तरह तैयार
अब चीनी एयरफोर्स की लगातार बढ़ रही हलचल के बीच भारत ने भी पूरी तैयारी कर ली है. भारत की तरफ से भी चीन की सीमा के पास कई फाइटर जेट तैनात कर दिए गए हैं. जिनमें सुखोई-30, मिग-29 और मिराज-2000 फाइटर जेट शामिल हैं. इन सभी विमानों को फॉरवर्ड एयर बेसेस पर तैनात किया गया है. जिससे कि किसी भी स्थिति से निपटा जा सके.
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