कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते मामलों के बीच इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने मंगलवार को राज्यों को दो दिन तक रैपिड एंडीबॉडी टेस्ट किट्स का इस्तेमाल न करने की सलाह दी. बता दें कि पिछले हफ्ते भारत ने दो चाइनीज फर्म्स से 5 लाख रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट किट्स मंगाई थीं, जिनको कई राज्यों में भेजा गया था.
ICMR हेड साइंटिस्ट डॉक्टर रमन आर गंगाखेडकर ने मंगलवार को कहा, ''राज्यों को 2 दिन तक रैपिड टेस्ट किट्स का इस्तेमाल न करने का सुझाव दिया गया है. रैपिड टेस्ट किट्स के रिजल्ट्स में काफी वेरिएशन सामने आ रहे हैं. ऑन-ग्राउंड टीमें इन किट्स को टेस्ट करेंगी और वेलिडेट करेंगी. हम अगले दो दिन में एडवायजरी देंगे.''
इससे पहले सटीक रिजल्ट ना आने के चलते राजस्थान ने चीन में बनी रैपिड टेस्ट किट्स का इस्तेमाल करने से इनकार कर दिया था.
हाल ही में न्यूज एजेंसी एएनआई ने स्वास्थ्य मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के हवाले से खबर दी थी कि चीन में बनी करीब 63000 पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (PPE) किट्स भारतीय मानकों की कसौटी पर खरी नहीं उतरी हैं. हालांकि चीन के मेडिकल प्रोडक्ट्स में शिकायत की खबरें सिर्फ भारत से ही सामने नहीं आई हैं. भारत से पहले भी कई देशों ने चाइनीज मेडिकल प्रोडक्ट्स को लेकर शिकायत की है.
इन देशों से भी आई थीं चीन के घटिया मेडिकल प्रोडक्ट्स की खबरें
लॉस एंजेलिस टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले कुछ समय में स्पेन, चेक रिपब्लिक, स्लोवाकिया, तुर्की और ब्रिटेन के वैज्ञानिकों और हेल्थ अथॉरिटीज ने चीन से आई एंटीबॉडी कोरोना वायरस टेस्ट किट्स की क्वालिटी को लेकर शिकायत की है.
यहां तक कि जो पाकिस्तान चीन को अपना दोस्त मानता है, उसके मीडिया में भी चीन से आए मास्कों को घटिया बताया गया. इस मामले पर एक पाकिस्तानी न्यूज चैनल ने कहा था, ‘’चाइना ने चूना लगा दिया.’’ लाहौर बेस्ड न्यूज चैनल ने बताया था, ‘’N-95 मास्क के नाम पर चीन ने अंडरवियर से बने मास्क भेज दिए.’’
मार्च के आखिर में नीदरलैंड ने अपने अस्पतालों से 600,000 फेस मास्क लौटाने के लिए कहा था, जो चीन से मंगाए गए थे. इन मास्क की खराब क्वालिटी के चलते ऐसा किया गया था.
हाल ही में जॉर्जिया ने एक चीनी कंपनी के साथ अपना कॉन्ट्रैक्ट रद्द कर दिया था, जिसने स्पेन को खराब क्वालिटी की टेस्ट किस्ट्स भेजी थीं. वहीं, चीनी टेस्ट किस्ट्स के लो एक्यूरेसी रेट की खबरों के बीच टेस्ट किट्स खरीदने के लिए मलयेशिया ने चीन के बजाए साउथ कोरिया को चुना.
हालांकि, मेडिकल इक्विपमेंट्स और टेस्ट किट्स को लेकर वैश्विक स्तर पर अपनी छवि खराब होते देख चीन ने खराब क्वालिटी की चीजों को जब्त करने जैसे कुछ कदम भी उठाए हैं, लेकिन फिलहाल वो बेअसर ही दिख रहे हैं.
भारत से शिकायतों के मामले पर चीनी दूतावास प्रवक्ता ने कहा है कि चीन मेडिकल प्रोडक्ट क्वालिटी की अहमियत समझता है और वो जरूरी मदद मुहैया कराएगा.
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