ADVERTISEMENTREMOVE AD

चीनी सबमरीन को नहीं मिली कोलंबो में ठहरने की इजाजत, कराची रवाना

पाइरेट्स से निपटने के बहाने चीन बढ़ा रहा है हिंद महासागर में अपना दखल

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

हिंद महासागर में भारत एक चीनी सबमरीन पर कड़ी नजर बनाए हुए है. कोलंबो बंदरगाह पर ठहरने की परमीशन नहीं मिलने का बाद सबमरीन कराची के लिए रवाना हो चुकी है.

युआन क्लास की इस सबमरीन का पीछा, इंडियन नेवी का मैरीटाइम पोसाइड्न 8एल पेट्रोलिंग एयरक्राफ्ट कर रहा है. एयरक्राफ्ट ने इंडोनेशिया के पास मलक्का स्ट्रेट पार करते ही 19-20 अप्रैल से सबमरीन का पीछा करना शुरू कर दिया था. यह सबमरीन चीन की 26 वीं एंटी पाइरेसी टॉस्क फोर्स का हिस्सा है.

चीनी नौसेना ने हिंद महासागर में अपनी पैठ बढ़ाने 2013 से ही इस तरह के मिशन भेजना शुरू कर दिया था. इन मिशनों में कई बार न्यूक्लियर सबमरीन भी शामिल होती हैं. रिपोर्टों के मुताबिक पाइरेट्स (समुद्री डाकुओं) के बहाने चीन हिंद महासागर में अपना दखल बढ़ाना चाहता है.

भारत भी जवाब देने को तैयार

भारत भी लगातार अपनी सुरक्षा बढ़ाने की कोशिश कर रहा है. इस क्रम में उसने आसियान देशों के साथ संपर्क बढ़ाया है, वहीं सुदूर पूर्व में भी भारत ने अपने जंगी जहाज भेजे हैं.

एक्ट ईस्ट पॉलिसी के तहत भारत ने आईएनएस सह्यद्री और आईएनएस शिवालिक, एंटी सबमरीन वॉरफेयर कॉर्वेट आईएनएस कामोर्ता और टैंकर ज्योति को तैनात किया है. वहीं पोर्ट ब्लेयर में साउथ-ईस्ट कमांड बनाए जाने से भी इंडियन नेवी को मजबूती मिली है.

आने वाली मालाबार एक्सरसाइज में भी एंटी सबमरीन युद्ध कला पर खास ध्यान दिया जाएगा. बंगाल की खाड़ी में जुलाई में होने वाली इस एक्सरसाइज में भारत, अमेरिका और जापान हिस्सा लेंगे.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×