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गलवान:पीछे हटी दोनों सेना,चीन ने हटाए कैंप,सैटेलाइट इमेज से खुलासा

डिसएंगेजमेंट प्रक्रिया के तहत पीछे हट रही चीनी सेना

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भारत
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लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिक दो किलोमीटर तक पीछे हट गए हैं. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच रविवार को विशेष प्रतिनिधि-स्तरीय वार्ता के बाद डिसएंगेजमेंट प्रक्रिया शुरू हुई थी. NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, अब चीनी और भारतीय सेना, लद्दाख की तीन जगहों- गलवान घाटी, हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा से 2 किमी पीछे हट रही है, बीच में एक बफर जोन छोड़कर.

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रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि चीनी सैनिक अब वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के अपनी तरफ हैं.

NDTV ने अमेरिका की स्पेस टेक्नोलॉजी कंपनी Maxar Technologies की सैटेलाइट तस्वीरों के जरिए बताया है कि पेट्रोल प्वाइंट 14, जहां हिंसक झड़प हुई थी, वहां से चीन ने अपने टेंट हटा लिए हैं. ये सैटेलाइट तस्वीरें 6 जुलाई को ली गई हैं.

न्यूज एजेंसी ANI ने भी बताया है कि भारत और चीन की सेनाओं के बीच पेट्रोलिंग प्वाइंट 15 पर 8 जुलाई को डिसएंगेजमेंट पूरा हो गया. यहां चीनी सैनिक लगभग 2 किलोमीटर पीछे हटे हैं.

रिपोर्ट में सरकारी सूत्रों ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि मध्य जुलाई तक चीनी सेना सभी जगहों से पीछे हट जाएगी. इस दौरान, सेना के अधिकारियों की उच्च स्तरीय वार्ता के एक और दौर की उम्मीद है.

15 जून को लद्दाख की गलवान घाटी में चीन और भारत के बीच हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे. चीन ने भी कैजुअल्टी की बात स्वीकार की थी, लेकिन कोई संख्या जारी नहीं की थी.

गलवान में भारत और चीन के बीच बढ़ती तनातनी के बीच, रविवार, 6 जुलाई को भारत के सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच सीमा पर शांति बहाल करने को लेकर बात हुई थी. इस बातचीत में कहा गया कि दोनों तरफ के नेताओं की आम सहमति से सीमा पर शांति कायम रखने के लिए काम करना चाहिए. भारत-चीन सीमा पर शांति कायम रखना दोनों ही देशों के द्विपक्षीय संबंधों के लिए काफी जरूरी है.

इस बातचीत में LAC पर सैन्य बल कम करने को लेकर भी फैसला हुआ था. विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया था कि सेना की टुकड़ियों को हटाने का ये प्रोसेस अलग-अलग फेज में होगा.

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