नागरिकता संशोधन बिल संसद से पास होने के बाद क्या भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में कठिनाइयां शुरू हो गई हैं? फिलहाल दोनों पक्ष संभल कर चल रहे हैं, लेकिन संकेत अच्छे नहीं हैं. पहली बात तो बांग्लादेश के विदेश मंत्री ने गुरुवार से शुरू होने वाला भारत दौरा रद्द कर दिया है, हालांकि इसकी वजह कुछ और बताई गई है. इधर ने भारत सरकार को अपनी तरफ से सफाई देनी पड़ी है.
हमने कभी नहीं कहा कि बांग्लादेश की मौजूदा सरकार में धर्म के आधार पर जुल्म हो रहे हैं.-विदेश मंत्रालय
नागरिकता संशोधन बिल में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए गैर मुस्लिमों को नागरिकता देने में रियायतें देने की बात है. आधार ये है ये इन देशों में अल्पसंख्यकों पर जुल्म होता है. लेकिन भारत ने ऊपर दिए बयान से साफ करने की कोशिश की है कि वो ऐसा बिल्कुल नहीं कह रहा है कि बांग्लादेश में अब भी अल्पसंख्यकों पर जुल्म ढाए जा रहे हैं.
इस बीच बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमेन ने गुरुवार से शुरू होने वाला भारत का तीन दिवसीय दौरा रद्द कर दिया है. न्यूज एजेंसी पीटीआई के सूत्र तो ये कहते हैं कि बिल पारित होने के बाद के हालात को देखते हुए उन्होंने अपनी यात्रा रद्द की है. लेकिन यात्रा रद्द करने पर बांग्लादेश के विदेश मंत्री कुछ और सफाई दे रहे हैं.
बांग्लादेश के विदेश मंत्री की सफाई?
एके अब्दुल मोमेन का कहना है कि स्टेट मिनिस्टर मैड्रिड में हैं और फॉरेन सेक्रेटरी हेग गए हुए हैं, ऐसे में उन्हें 'Buddijibi Debosh' और 'Bijoy Debosh' में भाग लेना होगा. मोमेन का कहना है कि फिलहाल उनकी जरूरत देश में है, इसलिए वो यात्रा रद्द करने का फैसला कर रहे हैं. उन्होंने ये भी कहा कि जनवरी में होने जा रही अगली मीटिंग में वो हिस्सा ले सकते हैं.
भारतीय विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?
अब्दुल मोमिन की सफाई आने के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने इसी सफाई का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री ने दौरा रद्द करने का कारण बता दिया है. हमारा रिश्ता मजबूत है. जैसा दोनों देशों के नेताओं ने कहा है, "ये हमारे रिश्ते का स्वर्ण युग है."
यात्रा रद्द करने से पहले भी आया है बयान
यात्रा रद्द करने के ऐलान से पहले भी बांग्लादेश के विदेश मंत्री का बयान सामने आया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके देश में सांप्रदायिक सौहार्द काफी अच्छा है. उन्होंने कहा कि वहां सभी धर्मों के नागरिकों को सम्मान दिया जाता है. अगर भारत के गृहमंत्री चाहें तो वो ये देखने के लिए कुछ महीने के लिए बांग्लादेश में रह सकते हैं.
बता दें कि विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी सूचना के मुताबिक, मोमेन को 12 दिसंबर को शाम पांच बजकर 20 मिनट पर यहां पहुंचना था.
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