ADVERTISEMENTREMOVE AD

जजों की नियुक्ति को लेकर मीडिया की 'अटकलबाजी' पर CJI रमना ने जताई नाराजगी

कुछ मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि SC के कॉलेजियम ने सरकार को भेजे जाने वाले नौ नामों को मंजूरी दे दी है

Updated
भारत
2 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना (NV Ramana) ने 18 अगस्त को उन मीडिया रिपोर्ट्स की कड़ी आलोचना की, जिसमें दावा किया गया था कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के कॉलेजियम ने शीर्ष अदालत में नियुक्ति के लिए नौ जजों की सिफारिशों की एक सूची को अंतिम रूप दिया है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

18 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हुए जस्टिस नवीन सिन्हा के संदर्भ में बोलते हुए, सीजेआई ने कहा कि "मीडिया के कुछ वर्गों में, जबकि प्रक्रिया अभी लंबित है, प्रस्ताव को औपचारिक रूप देने से पहले ही अटकलबाजी करना प्रतिकूल है".

क्यों आई है सीजेआई की यह टिप्पणी ?

कुछ समाचार पत्रों और लीगल न्यूज पोर्टलों की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने सरकार को भेजे जाने वाले नौ नामों को मंजूरी दे दी थी, जिसमें तीन महिला न्यायाधीश भी शामिल थीं, जिनमें से एक, जस्टिस बीवी नागरत्ना (वर्तमान में कर्नाटक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश) के पास मौका था कि वो 2027 में भारत की पहली महिला CJI बन सकती थीं.

रिपोर्ट से यह बात भी सामने आ रही थी कि लिस्ट में त्रिपुरा हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस अकील कुरैशी को शामिल नहीं किया गया था, जबकि वो हाई कोर्ट के जजों के बीच अखिल भारतीय वरिष्ठता सूची में दूसरे स्थान पर हैं.
0

कहा जा रहा था कि 12 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हुए जस्टिस रोहिंटन नरीमन ने शीर्ष अदालत के जजों के लिए किसी भी सिफारिश को मंजूरी देने से इनकार कर दिया था, अगर उसमे जस्टिस कुरैशी का नाम शामिल नहीं किया गया.

सीजेआई रमना की आपत्ति

सीजेआई रमना ने रिपोर्ट्स की "अटकलबाजियों" पर आपत्ति जताते हुए कहा,

"ऐसी गैर-जिम्मेदार रिपोर्टिंग और अटकलों के कारण कई टैलेंटेड जजों के करियर में आगे नहीं बढ़ पाने के उदाहरण है यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है और मैं इससे बेहद परेशान हूं."

"आप सभी जानते हैं कि हमें इस अदालत में न्यायाधीशों को नियुक्त करने की आवश्यकता है...प्रक्रिया चल रही है. बैठकें होंगी और निर्णय लिए जाएंगे. जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया पवित्र है और इससे कुछ गरिमा जुड़ी हुई है. मेरे मीडिया मित्रों को इस प्रक्रिया की पवित्रता को समझना और पहचानना चाहिए."

साथ ही CJI ने उन पत्रकारों की भी सराहना की जिन्होंने लीक हुई जानकारी को रिपोर्ट नहीं किया था.

"मुझे वरिष्ठ पत्रकारों और मीडिया संस्थाओं द्वारा संयम दिखाने और इस तरह के गंभीर मामले पर अटकलें न लगाने के लिए जिम्मेदारी को भी रिकॉर्ड में रखना चाहिए. ऐसे पेशेवर पत्रकार और नैतिक मीडिया विशेष रूप से सर्वोच्च न्यायालय और सामान्य रूप से लोकतंत्र की असली ताकत हैं .आप हमारे सिस्टम के अंग हैं. मैं सभी स्टेक होल्डर्स से इस संस्था की अखंडता और गरिमा को बनाए रखने की अपेक्षा करता हूं."
CJI एन.वी रमना

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें