'ऑप इंडिया' की चीफ एडिटर नूपुर जे. शर्मा ने कहा "इस्लाम के अलावा कोई ऐसा धर्म नहीं है जिसमें उन लोगों को अधीन करने और यातना देने के तत्व और सिद्धांत मौजूद हैं जो उनके धर्म को स्वीकार नहीं करते. वे अनिवार्य रूप से कहते हैं कि उनके धर्म के अलावा कोई सच्चाई नहीं है और केवल एक ईश्वर है जो अल्लाह है. उनके अनुसार चूंकि किसी भी दूसरे धर्म में कोई सच्चाई मौजूद नहीं है इसलिए आपको यह करना है कि उनको सहारा देकर धर्मांतरण करवाना है, बलात्कार करके धर्मांतरण करवाना है, अधीन करके और यातना देकर धर्मांतरण करवाना है. इस्लाम और क्रिश्चियनिटी की तरह हिंदुत्व एकेश्वरवादी नहीं है." उनकी इस बात पर सहमति जताते हुए पांच अन्य लोगों ने अपना माइक फ्लैश किया.
नूपुर शर्मा 'सिविल कन्वर्सेशन ऑन हिंदुत्व एंड हिंदू राष्ट्र' टाइटल वाले एक वीकेंड क्लबहाउस रूम में बोल रही थीं. इसमें 800 से अधिक लोग शामिल हुए.
उसी रूम में मौजूद अर्पणा ने कहा कि "भारत का विभाजन धर्म के आधार पर किया गया था और इसलिए इस के संविधान में 'धर्मनिरपेक्ष' शब्द जोड़ना हिंदुओं के साथ विश्वासघात है". नागरिकता पर डिबेट करते हुए अर्पणा ने कहा "एक देश के रूप में हमारे पास सीमित संसाधन है. भारत आने से पहले वें (मुसलमान ) ऐसी जगह पर रह रहे थें जिसके संसाधन पर उसका हक था. अगर वों अब हमारा संसाधन इस्तेमाल करना शुरू करेंगे तो निश्चित रूप से प्रतिरोध होगा. हम उनको फायदा उठाने के लिए अपना संसाधन दे रहे हैं.”
इस पर मॉडरेटर ने चेतावनी देते हुए कहा “कृपया ध्यान रखें यह रूम शायद रिकॉर्ड भी हो रहा होगा और मैं स्पीकर्स पर जोर देना चाहूंगी कि वो हिंदुइज्म और हिंदुत्व पर बोलें, किसी और धर्म पर नहीं जायें “
शनिवार 12 जून को यह रूम 3 घंटे से ज्यादा एक्टिव रहा. 2 घंटे तक यह रिपोर्टर उस रूम में श्रोता के तौर पर मौजूद रही और तब तक बातचीत मुख्यतः इन मुद्दों पर घूमती रही कि कैसे "हिंदू दशकों तक अपने ही देश में प्रताड़ित किए गए हैं", कैसे "हिंदू धर्म ग्रंथों और 'अहिंसा परमो धर्म' जैसे नारे अर्धसत्य हैं और संस्कृत वाक्यांशों को पूरा पढ़ने से पता चलता है कि धर्म की रक्षा के लिए हथियार उठाना हिंदू धर्म का अंग है","असली हिंदू कौन है",कैसे "भारत में हिंदू मुसलमानों के खतरे में जी रहे हैं और 2021 की जनगणना के जारी होने के बाद इस डर की भयावहता का अंदाजा लगाया जा सकेगा."
लेकिन यह इस सोशल मीडिया ऐप पर एकमात्र ऐसा वॉइस चैट रूम नहीं है जिसने ऐसी बातचीत को होस्ट किया है जिनमें सांप्रदायिक उकसावे के तत्व मौजूद हैं. क्लबहाउस एक ऑडियो-बेस्ड सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है जो यूजर्स को बड़े समूह के साथ लाइव बातचीत को होस्ट करने का मौका देता है. इस्लामोफोबिया, हेट स्पीच और समुदायों के खिलाफ उत्पीड़न फैलाने वाले प्लेटफार्म के लिस्ट में क्लबहाउस एक नयी एंट्री है.
(हालांकि क्लबहाउस की प्राइवेसी पॉलिसी रूमों के चैट रिकॉर्डिंग को पब्लिश करने की अनुमति नहीं देती है, लेकिन सबूत के तौर पर 'द क्विंट' के पास ऊपर लिखी बातों की रिकॉर्डिंग मौजूद है.)
क्लबहाउस का ट्विटर वर्जन-’ट्विटर स्पेस’ ने भी हेट और गलत जानकारियों के मॉडल को ही दोहराया है. कई ट्विटर यूजर्स ने क्लबहाउस और ट्विटर स्पेस के रूमों की नफरत भरी बातचीत का सबूत बाहर लाया है. क्लबहाउस के एक रूम में एक मुसलमान को 500 बार ‘जय श्री राम’ बोलने के लिए ₹500 का ऑफर दिया गया.
नेशनल हेराल्ड की पत्रकार एश्लिन मैथ्यू ने एक टि्वटर थ्रेड पोस्ट किया जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे एक क्लबहाउस रूम में महिलाओं को बाहर निकाल दिया गया और कथित तौर पर ईसाइयों और मुसलमानों के बीच विवाह को 'लव जिहाद' का नाम देना शुरू कर दिया.
लव जिहाद, गाय, राम मंदिर और इजरायल: यह बातचीत के खास मुद्दे
लेखक और कवि हुसैन हैदरी ने बताया कि जो रूम हिंदुत्व के उद्देश्यों और एजेंडे पर चर्चा करते हैं वों अंत तक आते-आते मुस्लिमों के प्रति नफरत की ओर बढ़ जाते हैं. "आम विषय ज्यादातर लव जिहाद के इर्द-गिर्द होते हैं. मैंने इजरायल और फिलिस्तीनी मुद्दों पर भी चर्चा होती देखी है और अंततः बातचीत इस ओर मुड़ जाती है कि कैसे इस्लाम देश के लिए सबसे बड़ा खतरा है".
8 मई को 'स्वराज' की सीनियर एडिटर स्वाति गोयल शर्मा ने 'ऑक्सीमीटर फॉर काऊ' नामक ट्विटर स्पेस होस्ट किया. जबकि ग्रुप का उद्देश्य स्वाति शर्मा द्वारा निर्धारित गाय की राजनीति पर चर्चा करने का था लेकिन संजीव नेवार ने उन लोगों पर हमले तथा उनकी हत्या करने का आह्वान किया जो गाय और गोमूत्र पर जोक क्रैक करते हैं. नेवार हिंदुत्व सर्किट में एक लोकप्रिय नाम और 'जेम्स ऑफ़ बॉलीवुड' (एक टि्वटर अकाउंट जो बॉलीवुड फिल्मों के "हिंदूफोबिया" पर ट्वीट करता है) के फाउंडर हैं.
नेवार ने कहा “अगर आप मुझसे पूछोगे तो मुझे लगता है कि सरकार को उन लोगों को पीटने की खुली आजादी होनी चाहिए जो गोमूत्र पर जोक कर रहे हैं और इसे पाप नहीं समझा जाना चाहिए क्योंकि यह आत्मरक्षा में किया गया है.”
नेवार ने बार-बार ऐसे ट्विटर स्पेस को होस्ट किया है जो मुस्लिमों के खिलाफ नफरत फैलाते हैं और उनके खिलाफ हिंसा को उकसाते हैं. ट्विटर पर नेवार के 75,000 फॉलोअर हैं. क्लिप के वायरल होने के बाद नेवार ने अपना रुख स्पष्ट करते हुए एक ट्विटर थ्रेड पोस्ट किया.
अंकिता बिस्वास के प्रोफाइल के अनुसार वह बीजेपी के स्टूडेंट विंग ABVP की मेंबर हैं. उन्होंने यह दावा किया कि उनका अकाउंट तब सस्पेंड हो गया जब वह 'लव जिहादी एंड जिहादी वॉयलेंस: टू साइड्स ऑफ सेम क्वाइन' शीर्षक का क्लबहाउस रूम होस्ट कर रहीं थी.
लेकिन ऐसी सख्त कार्यवाही को इस सोशल मीडिया ऐप द्वारा समान रूप से लागू नहीं किया गया है. 15 जून को 'डेली पायनियर' के वरिष्ठ संपादक प्रमोद कुमार सिंह के साथ 'FIR से कुछ नहीं होगा, डंडे पर बिठाओ सूअर के बच्चों को'’ नाम से एक क्लबहाउस रूम को होस्ट किया गया था.
रेप की धमकियां और जातिवाद,लेकिन रिपोर्ट मैकेनिज्म नहीं
कई राइट विंग यूजर्स तब नाराज हो गए जब स्पीकर नीरज ने ऐसी टिप्पणी की जो कई लोगों के अनुसार बहुत गलत थी. उस रूम में कई ऐसे सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर भी मौजूद थे जिनकी गिनती महिला अधिकारों के आवाज के रूप में होती है, जिसमें कुशा कपिला भी शामिल थीं. लेकिन वों चुप रहे. 'डू वी ओनली डेट हॉट पिपुल'( क्या हम सिर्फ हॉट लोगों को डेट करते हैं?) टाइटल वाले ग्रुप में जब मॉडरेटर ने नीरज से पूछा कि क्या वो सिर्फ हॉट लोगों को ही डेट करते हैं, तो उनका जवाब था "नहीं मैं हर तरह के लोगों को डेट करता हूं. लेकिन कई बार डेटिंग ऐप्स पर मैं सिर्फ मजे के लिए बहुत हॉट संघी टाइप्स को लेकर उत्तेजित रहता हूं".
चर्चा आगे बढ़ी, जिसमें एक महिला मॉडरेटर ने कहा कि "संघी हॉट नहीं हैं". एक अन्य महिला स्पीकर ने नीरज के हरकत की तुलना "हेट सेक्स करने" से की. हिंदुत्व विचारधारा से संबंध रखने वाले कई मेंबरों ने इस बातचीत पर नाराजगी जताई. लेकिन उन्होंने यह बताया कि क्लबहाउस पर किसी रूम को रिपोर्ट करने का कोई मैकेनिज्म नहीं है.
अक्सर नफरत की बोली में बदल जाने वाले राजनीतिक डिबेट वाले रूम में शामिल कई यूजर्स की एक समान शिकायत है- पूरी बातचीत को रिपोर्ट करने का कोई तरीका मौजूद नहीं है.
दलित समुदाय से आने वाले पॉडकास्टर अनुराग माइनस ने बताया कि कैसे उनके दोस्त को उस समय ट्विटर स्पेस में परेशान किया गया जब उन्होंने हिंदू धर्म में जातिवाद के बारे में बात रखी. अनुराग ने आगे कहा "ट्विटर स्पेस पर चर्चा क्लबहाउस की अपेक्षा और खुले तौर पर है. उन दोनों पर हो रही चर्चाओं में नफरत के टॉपिक्स हैं लेकिन क्लबहाउस के मेंबर अभी ज्यादातर एलिट ग्रुप से संबंधित हैं और अधिकतर बातचीत को NRIs लीड करते हैं. वह अपने नफरती बोल को शहरी शब्दावली के साथ मीठा करना जानते हैं. जातिवाद और आरक्षण पर कई समूह और चर्चायें आयोजित की जाती हैं .यहां वे जाति आधारित आरक्षण व्यवस्था को कम करके आंकते हैं और अपने जाति आधारित गौरव का बखान करते हैं".
'द क्विंट' ने 'गुड आफ्टरनून ब्राउन लैंड' नाम के एक क्लबहाउस में भाग लिया जहां ऑस्टिन में रहने वाले Genecist रजिब खान ने 'ओरिजिन ऑफ डिफरेंट स्ट्रैंड ऑफ ब्रह्मिंस इन इंडिया' नामक रूम होस्ट किया था. उनके क्लबहाउस पर 6000 फॉलोअर्स हैं जबकि ट्विटर पर 37,000. खान यहां नस्ल,रंग और जाति पर मजाक उड़ाते रहें और दूसरों ने ब्राह्मणवाद के उदय से जुड़े गलत सूचनाओं को बड़े पैमाने पर फैलाने का काम किया.
हुसैन हैदरी के अनुसार क्लबहाउस जैसे सिर्फ ऑडियो ऐप के साथ एक और समस्या है." जब लोग ट्विटर पर कुछ नफरत भरा लिखते हैं तो आप पूरे कंटेंट को उसकी संपूर्णता में देख सकते हैं. क्लब हाउस और ट्विटर स्पेस जैसे जगहों पर कितनी नफरत फैलाई जा रही है इस पर नजर रखने का कोई तरीका नहीं है".
नफरत पर कार्यवाही:पॉलिसी क्या कहती है?
क्लबहाउस के कम्युनिटी गाइडलाइंस के अनुसार आपत्तिजनक बातचीत को रिपोर्ट केवल व्यक्तिगत यूजर्स को रिपोर्ट करके किया जा सकता है. पूरी बातचीत या रूम को कैसे रिपोर्ट करें इस पर कोई गाइडलाइंस नहीं है. गाइडलाइंस के अनुसार यदि कोई यूजर्स किसी अन्य यूजर को रियल टाइम में किसी लाइव रूम से रिपोर्ट करता है तो क्लबहाउस "घटना की जांच के उद्देश्य से अस्थाई इंक्रिप्टेड ऑडियो रिकॉर्डिंग को सुरक्षित रख सकता है". हालांकि यदि कोई यूजर किसी पुरानी घटना को रिपोर्ट करना चाहता है तो उस ऑडियो रिकॉर्डिंग को होल्ड करने का कोई प्रावधान नहीं है.
गाइडलाइंस में लिखा है "हम समझते हैं कि सभी क्लबहाउस यूजर्स 'कम्युनिटी गाइडलाइंस' के उल्लंघन की हमारी समझ से सहमत नहीं होंगे. लेकिन एक कार्यात्मक प्लेटफार्म को चलाने के लिए हम अपने विवेकाधिकार में यह निर्धारित करने का अधिकार सुरक्षित रखना चाहते हैं कि उल्लंघन क्या होता है".
'द क्विंट' ने क्लबहाउस को यें सवाल भेजें-
- क्लबहाउस अपने प्लेटफार्म से नफरत भरें कंटेंट और गलत सूचनाओं को कैसे फिल्टर कर रहा है ?जहां लव जिहाद नाम के एक रूम पर बैन लगा वही दूसरों पर नहीं. इसकी पॉलिसी और पैरामीटर क्या है?
- उन रूम्स को रिपोर्ट करने का कोई तरीका क्यों नहीं है जहां अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत भरें कंटेंट पर चर्चा की जा रही है ,भले ही उस रूम का नाम 'सिविल कन्वर्सेशन...' हो? कोई श्रोता हेट और दुर्व्यवहार की घटना को रिपोर्ट कैसे कर सकता है?
- यदि किसी रूम में नफरत भरे कंटेंट पर चर्चा की जा रही है या गलत सूचना फैलाई जा रही है तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है? मॉडरेटर, श्रोता,स्पीकर या तीनों?
- यूजर्स के खिलाफ हेट स्पीच और जातिवादी टिप्पणी ,गलत सूचना फैलाने के मामलें पहले भी आ चुके हैं. उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई है?कार्यवाही कब तक पूरी की जाएगी?
प्रश्न भेजने और क्लबहाउस द्वारा स्वीकार किए जाने के 48 घंटे बाद भी उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया है. जवाब आने पर इस आर्टिकल को अपडेट किया जाएगा.
इन्हीं प्रश्नों के जवाब में ट्विटर स्पेस ने कहा-
"किसी स्पेस के होस्ट के पास यह कंट्रोल है कि कौन बोल सकता है. वह किसी भी स्पीकर को म्यूट कर सकते हैं लेकिन यह व्यक्ति पर निर्भर है कि वह खुद को अनम्यूट करें. होस्ट/एडमिन स्पेस में अन्य लोगों को हटा सकते हैं, रिपोर्ट कर सकते हैं और ब्लॉक भी कर सकते हैं.
स्पीकर और श्रोता अन्य लोगों को स्पेस में रिपोर्ट और ब्लॉक कर सकते हैं. या इस स्पेस को रिपोर्ट कर सकते हैं. अगर आप इस स्पेस में किसी मेंबर को ब्लॉक करते हैं तो ट्विटर पर भी उस व्यक्ति का अकाउंट ब्लॉक हो जायेगा .
यदि आपके द्वारा ब्लॉक किया हुआ व्यक्ति श्रोता के रूप में शामिल होता है तो वह 'पार्टिसिपेंट लिस्ट' में ब्लॉक्ड लेबल के साथ दिखाई देगा. यदि आपने जिस व्यक्ति को ब्लॉक किया है वह स्पीकर के रूप में शामिल होता है तो 'पार्टिसिपेंट लिस्ट' में उसके अकाउंट नेम के नीचे ब्लॉक्ड का लेबल होगा और आपको एक नोटिफिकेशन दिखाई देगा जिसमें लिखा होगा "एक अकाउंट जिसको आपने ब्लॉक किया है वह स्पीकर के रूप में शामिल हो गया है". यदि आप ऐसे स्पेस को ज्वाइन कर रहे हैं जिसमें स्पीकर के रूप में पहले से ही ब्लॉक्ड अकाउंट है, तो आपको स्पेस में शामिल होने के पहले एक वार्निंग मिलेगी- "आपने द्वारा ब्लॉक किया हुआ व्यक्तिबोल रहा है". अगर स्पेस आपने होस्ट किया है तो ब्लॉक्ड अकाउंट उससे नहीं जुड़ सकता.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)