केंद्र सरकार ने CNG यानी कॉम्प्रेस्ड नेचुरल गैस और PNG यानी पाइप्ड नेचुरल गैस को लेकर बड़ा फैसला किया है. कैबिनेट ने प्राकृतिक गैस की कीमतों को लेकर बनाई गई किरीट पारिख कमेटी (Kirit Parekh Committee) की सिफारिशों को मंजूरी दे दी है. गुरुवार को पीएम मोदी (PM Modi) की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में सरकार ने घरेलू प्राकृतिक गैस की कीमत तय करने के नए फार्मूले को मंजूरी दी है. इसका मतलब है कि गैस की कीमत को इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड के इंडियन बास्केट से जोड़ा जाएगा.
क्रूड से लिंक होंगी कीमतें
नए फॉर्मूले के तहत अब घरेलू प्राकृतिक गैस की प्राइसिंग अंतर्राष्ट्रीय हब गैस की जगह इंपोर्टेड क्रूड के साथ लिंक होगी. घरेलू गैस की कीमत अब भारतीय क्रूड बास्केट के वैश्विक दाम के मंथली एवरेज का 10% होगी. इसे हर महीने सूचित किया जाएगा.
"APM गैस के रूप में जाने जाने वाले पारंपरिक/पुराने क्षेत्रों से उत्पादित प्राकृतिक गैस को अब अमेरिका, कनाडा और रूस जैसे अधिशेष देशों/ सरप्लस नेशंस में गैस की कीमतों के बजाय कच्चे तेल की कीमत से जोड़ा जाएगा."केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सचिव पंकज जैन ने गुरुवार को कहा कि इससे पाइप्ड नेचुरल गैस (PNG) 10 फीसदी सस्ती हो जाएगी और कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (CNG) की कीमत 6 से 9 फीसदी तक कम हो जाएगी.
केंद्र सरकार इस बदलाव की घोषणा के लिए शुक्रवार को अधिसूचना जारी करेगी और यह फैसला शनिवार से लागू हो जाएगा.
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप पुरी ने ट्वीट किया कि इस कदम से उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा होगी.
नए संसोधन में क्या है?
1 अप्रैल से एपीएम गैस की कीमत भारतीय क्रूड बास्केट के मासिक औसत के 10 फीसदी पर होगी.
इस तरह की दर 8.57 डॉलर प्रति MMBTU के मौजूदा गैस मूल्य के मुकाबले 6.5 डॉलर प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट पर कैप की जाएगी.
द्वि-वार्षिक संशोधन की मौजूदा प्रथा के बजाय हर महीने दरें तय की जाएंगी.
ONGC और OIL के नामांकन क्षेत्रों में नए कुओं या हस्तक्षेपों से उत्पादित गैस को APM मूल्य से 20 प्रतिशत अधिक प्रीमियम की अनुमति होगी.
इस कदम से घरों में PNG और परिवहन के लिए CNG की कीमतों में भारी कमी आएगी.
IANS की रिपोर्ट के मुताबिक, आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि नए दिशानिर्देशों का उद्देश्य घरेलू गैस उपभोक्ताओं के लिए स्थिर मूल्य निर्धारण व्यवस्था सुनिश्चित करना है, साथ ही उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन के साथ उत्पादकों को प्रतिकूल बाजार में उतार-चढ़ाव से पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करना है.
सरकार ने 2030 तक भारत में प्राथमिक ऊर्जा मिश्रण में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी मौजूदा 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा है. PIB की ओर से जारी बयान में कहा गया कि सुधारों से प्राकृतिक गैस की खपत बढ़ाने में मदद मिलेगी और उत्सर्जन में कमी और नेट जीरो के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी.
कम कीमतों से उर्वरक सब्सिडी का बोझ भी कम होगा और घरेलू बिजली क्षेत्र को मदद मिलेगी.
देश में उत्पादित गैस के मूल्य निर्धारण फॉर्मूले की समीक्षा के लिए सरकार द्वारा गठित किरीट पारिख समिति ने 1 जनवरी, 2027 तक प्राकृतिक गैस की कीमतों के पूर्ण उदारीकरण की सिफारिश की थी. पैनल ने नवंबर 2022 में सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी.
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