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बिजली संकट: दिल्ली, पंजाब, UP समेत कई राज्यों में कोयले की कमी- पूरा ब्योरा

केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने 10 अक्टूबर को कोयला संकट की खबरों से इनकार किया.

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भारत में कोयला संकट (Coal Crisis) गहराता जाता है. दिल्ली से लेकर आंध्र प्रदेश तक, कोयले के भंडार में कमी का सामना कर रहे हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने स्थिति को गंभीर बताते हुए कहा कि हालात सुधारने के लिए कई मुख्यमंत्री साथ में काम कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश में कोयले की कमी के कारण आठ पावर थर्मल प्लांट्स बंद हो गए हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में भी कोयले का स्टॉक ज्यादा नहीं बचा है.

जानिए राज्यों का क्या है हाल?

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कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) की विभिन्न सहायक कंपनियों की ओर से अपर्याप्त ईंधन आपूर्ति के चलते पंजाब के ताप संयंत्रों को कोयले की कमी का सामना करना पड़ रहा है. कोयले की कमी को दूर करने के लिए राज्य भर में रोजाना तीन से चार घंटे तक बिजली कटौती की जा रही है.

मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी ने 9 अक्टूबर को केंद्र सरकार से मांग की है कि वो बिजली संकट से निपटने के लिए कोटे के मुताबिक राज्य को कोयले की आपूर्ति तुरंत मुहैया कराएं.

रोपड़ और लेहरा मोहब्बत में राज्य के स्वामित्व वाले थर्मल पावर प्लांट्स के पास चार-पांच दिनों का कोयला बचा है, वहीं इंडिपेंडेंट पावर प्रोड्यूसर के पास दो दिनों से भी कम समय का स्टॉक है.

उत्तर प्रदेश में कोयले की कमी के कारण आठ थर्मल पावर प्लांट्स के बंद करना पड़ा है, वहीं छह प्लांट्स दूसरे कारणों से पहले से ही बंद थे.

लगभग 20,000 से 21,000 मेगावाट की बिजली की मांग वाले राज्य को लगभग 17,000 मेगावाट की आपूर्ति के साथ काम चलाना पड़ रहा है, जिस कारण ग्रामीण इलाकों में चार से पांच घंटे तक बिजली की कटौती हो रही है.

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 11 अक्टूबर को कहा, "स्थिति गंभीर है और कई मुख्यमंत्रियों ने केंद्र सरकार को इसके बारे में लिखा है. हम सभी स्थिति को सुधारने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं."

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केरल

केरल के ऊर्जा मंत्री के कृष्णाकुट्टी ने कहा कि अगर उत्तर भारत में कोयले की कमी की स्थिति बनी रहती है, तो राज्य का इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड बिजली कटौती की संभावनाओं पर विचार कर रहा है. उन्होंने कहा कि बोर्ड इंतजार कर रहा है और हालात पर नजर बनाए हुए है और कहा कि कोयले की कमी के बाद केंद्रीय पूल से आपूर्ति में कमी आई है.

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द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, जयपुर विद्युत वितरण निगम (JVVNL) ने 9 अक्टूबर से 12 जिलों की सभी नगर पालिकाओं में एक घंटे और ग्रामीण इलाकों में 4 घंटे के लिए बिजली की कटौती की घोषणा की थी.

थर्मल पावर स्टेशनों में कोयले की कमी के कारण, JVVNL ने कहा कि वो जयपुर, दौसा, अलवर, भरतपुर, ढोलपुर, कोटा, बूंदी, बारण, झलावर, सवाईमधोपुर, टोंक और करौली में बिजली कटौती के लिए मजबूर हो गया है.

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(ग्राफिक्स: क्विंट हिंदी/आकांक्षा सिंह)आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने 8 अक्टूबर को कोयला संकट के कारण राज्य में भयावह स्थिति को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है. उन्होंने कहा कि राज्य की अनिश्चित वित्तीय स्थिति को देखते हुए, वो खुले बाजार से जरूरी बिजली की खरीदने में सक्षम नहीं है, क्योंकि बढ़ती मांग के साथ खरीद मूल्य भी बढ़ गया है.

मिंट के मुताबिक, APGENCO द्वारा संचालित बिजली उत्पादन स्टेशनों, जो राज्य की ऊर्जा जरूरतों का लगभग 45 प्रतिशत आपूर्ति करते हैं, के पास मुश्किल से 1 या 2 दिनों का स्टॉक बचा है.

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, ऊर्जा विभाग के सचिव नागुलापल्ली श्रीकांत ने 9 अक्टूबर को सभी से कोऑपरेट करने और शाम छह बजे से रात दस बजे के बीच एसी का इस्तेमाल कम करने की अपील की.

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सरकार ने क्या कहा?

कोयला संकट की खबरों के बीच, केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने 10 अक्टूबर को इन खबरों से इनकार कर दिया है. बिजली मंत्रालय और बिजली वितरण कंपनियों बीएसईएस और टाटा पावर के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कोई संकट न कभी था और न ही कभी होगा.

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इससे पहले ऊर्जा मंत्रालय ने कोयले की कमी के पीछे चार कारण बताए थे. मंत्रालय ने कहा था, "पावर प्लांट्स में कोयले के भंडार में कमी के चार कारण हैं- अर्थव्यवस्था खुलने के कारण बिजली की मांग में अभूतपूर्व वृद्धि, सितंबर में कोयला खदान क्षेत्रों में भारी बारिश से कोयला उत्पादन और मार्गों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा, आयात होने वाले कोयले की कीमतों में अभूतपूर्व वृद्धि के कारण आयातित कोयला आधारित पावर प्लांट्स से बिजली उत्पादन में कमी आई, जिससे घरेलू कोयले पर निर्भरता बढ़ी, मॉनसून की शुरुआत से पहले पर्याप्त कोयला भंडार का निर्माण न करना."

गौर करने वाली बात है कि कुछ दिनों पहले खुद ऊर्जा मंत्री ने कहा था कि देश के पावर स्टेशनों में सिर्फ 3 से 4 दिन का स्टॉक बचा है. आरके सिंह ने द इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में कहा था कि 40-50 गीगावाट का बिजली प्रोडक्शन करने वाले थर्मल पॉवर स्टेशन में सिर्फ तीन दिन का स्टॉक बचा हुआ है.

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