मुंबई के सब अर्बन इलाकों में सेंट्रल जोन (रेलवे) ने महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए एक अजीब सुझाव दिया है. सेंट्रल रेलवे, लोकल ट्रेनों में महिला कोचों का रंग भगवा करना चाहता है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में सेंट्रल रेलवे के एक बड़े सुरक्षा अधिकारी के दावे से कहा गया है कि भगवा महिलाओं में साहस और पुरुषों में बलिदान, अच्छे आचरण का प्रतीक है.
गुरूवार को रेलवे बोर्ड को दिए सुझाव में रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स के एडीशनल चीफ सिक्योरिटी कमिश्नर प्रणव कुमार ने कहा,
महिला कोच और अपार्टमेंट के बाहरी भाग को भगवा रंग कर दूसरे कोचों से अलग रंग दिया जाए. भगवा रंग साहस और बलिदान का रंग है. इससे महिला यात्रियों को शोषण करने वाले लोगों के खिलाफ खड़े होने की प्रेरणा मिलेगी. वहीं पुरूष भी इन डिब्बों में आने से परहेज करेंगे क्योंकि भगवा रंग बलिदान और शौर्य का प्रतीक है.प्रणव कुमार, एडीशनल चीफ सिक्योरिटी कमिश्नर
क्या है मामला
रेलवे बोर्ड ने हर रेलवे जोन से महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी थी. साथ ही रेलवे बोर्ड ने सुझावों की भी मांग की थी.
पिछले कुछ दिनों में मुंबई की लोकल ट्रेनों में महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की घटनाएं हुई हैं. प्रणव कुमार ने अपने नोट में आगे लिखा,
कई बार पुरूष गलती से महिला कोच में घुस जाते हैं क्योंकि सभी कोच का रंग एक जैसा होता है. इससे कोचों में अंतर करना मुश्किल हो जाता है. महिला कोच का अलग रंग देने से इसे पहचानना आसान हो जाएगा. भगवा अच्छा रंग है. यह आंखों में जल्दी नजर आता है.प्रणव कुमार,एडीशनल चीफ सिक्योरिटी कमिश्नर
रेलवे 2018 को महिला और बच्चों की सुरक्षा का साल घोषित करना चाहता है. मुंबई लोकल में महिला कोच में पुरुषों की एंट्री बैन है. हांलांकि रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक इन कोच में पुरूष यात्री सफर कर सकते हैं.
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