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प्रशांत कनौजिया के खिलाफ शिकायत,आर्मी चीफ पर किया था विवादित ट्वीट

इससे पहले योगी आदित्यनाथ के खिलाफ ट्वीट करने पर हुए थे गिरफ्तार

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भारत
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योगी आदित्यनाथ के खिलाफ विवादित पोस्ट करने वाले पत्रकार प्रशांत कनौजिया एक बार फिर अपने विवादित पोस्ट के कारण फंस गए हैं. प्रशांत कनौजिया ने हाल ही में आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत और ब्रिटिश जनरल रेजीनॉल्ड डायर की तुलना करते हुए एक ट्वीट किया था. इस ट्वीट के वायरल होने के बाद कनौजिया के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के एक एडवोकेट ने तिलक मार्ग पुलिस स्टेशन में शिकायत दी है.

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ब्रिटिश जनरल डायर ने ही 13 अप्रैल 1919 को अमृतसर के जलियांवाला बाग में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे निहत्थे लोगों पर गोलियां चलाने का आदेश दिया था. इस घटना में हजारों भारतीयों की मौत हुई थी.

प्रशांत कनौजिया ने शनिवार 10 अगस्त को आर्मी चीफ के खिलाफ ये विवादास्पद ट्वीट किया था, जिसके बाद उसके खिलाफ कड़ी प्रतिक्रियाएं आई थीं.

वहीं रविवार 11 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने दिल्ली के तिलक मार्ग पुलिस स्टेशन में प्रशांत के खिलाफ शिकायत दी, जिसमें देशद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग की.

शिकायत में प्रशांत के खिलाफ आईपीसी की धारा 124ए (देशद्रोह), 153 (दंगा भड़काने के लिए उकसाने), 153ए (दो समूहों के बीच बैर पैदा करने), 504 (शांति भंग करने के लिए उकसाने) के तहत एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है.

क्विंट हिंदी से बात करते हुए शिकायतकर्ता अलख आलोक श्रीवास्तव ने कहा कि हमारे देश की सेना दुनिया की महान सेनाओं में से एक है और उसके अध्यक्ष की तुलना भारत के सबसे बड़े दुश्मनों से की गई.

“प्रशांत कनौजिया ने एक ट्वीट किया था जिसमें जनरल डायर और सेना अध्यक्ष की फोटो थी. मैंने जो पुलिस में शिकायत की है उसके दो कारण है. पहला ये कि जनरल डायर हमारे देश के सबसे बड़े दुश्मनों में से एक है, जिसने जलियांवाला बाग कांड जैसा नरसंहार किया. उसकी तुलना हमारे सेना अध्यक्ष से की गई. हमारी सेना दुनिया की महान सेनाओं में से एक है.”
अलख आलोक श्रीवास्तव, शिकायतकर्ता वकील

श्रीवास्तव ने साथ ही कहा कि इस तरह का ट्वीट का इस्तेमाल पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत के खिलाफ कर सकता है.

“हमारे प्रधानमंत्री कश्मीर और वहां के लोगों को साथलाने की कोशिशें कर रहे हैं ताकि वो भी देश के विकास में भागीदार बन सके. ऐसे में प्रशांत कनौजिया का ट्वीट पाकिस्तान और देशद्रोही तत्वों को भारत के खिलाफ सबूत देने का काम करता. कल को किसी भी अंतरराष्ट्रीय मंच पर ये ट्वीट भारत के खिलाफ प्रस्तुत किया जा सकता है.”
अलख आलोक श्रीवास्तव, शिकायतकर्ता वकील
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सोशल मीडिया में जमकर आलोचना

इस विवादित ट्वीट की सोशल मीडिया पर भी काफी आलोचना हो रही है. प्रशांत कनौजिया ने शनिवार, 10 अगस्त को ट्वीट किया था, जिसमें जनरल बिपिन रावत की फोटो पर कश्मीर और जनरल डायर की फोटो के ऊपर जलियांवाला लिखा था.

कई लोगों ने सोशल मीडिया पर लिखा कि प्रशांत कनौजिया के खिलाफ एक्शन लिया जाना चाहिए.

इससे पहले योगी आदित्यनाथ के खिलाफ ट्वीट करने पर हुए थे गिरफ्तार
इससे पहले योगी आदित्यनाथ के खिलाफ ट्वीट करने पर हुए थे गिरफ्तार
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माफी मांगकर पोस्ट हटाई

हालांकि लगातार हो रही आलोचना के बाद प्रशांत कनौजिया ने रविवार 11 अगस्त को अपनी विवादित पोस्ट हटा दी और फिर ट्वीट कर माफी मांगी.

प्रशांत ने ट्वीट कर लिखा,

पिछली पोस्ट से कुछ लोगों की भावनाएं आहत हुई, इसके लिए खेद है. मानवाधिकार और राष्ट्रवाद की लड़ाई में मानवतावादियों का झुकना अफसोस जनक है, आज का यही सत्य है. मैं इन ट्रोल्स से बड़ा देशभक्त हूं, बस समझ में फर्क है. इन्हें कश्मीर कब्जाने की हवस है मुझे कश्मीरियों की नजरबंदी का दर्द.
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योगी आदित्यनाथ के खिलाफ किया था पोस्ट

इससे पहले जून में प्रशांत कनौजिया को उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ पोस्ट करने पर गिरफ्तार किया गया था.

प्रशांत कनौजिया ने हेमा नाम की एक महिला का वीडियो ट्विटर पर शेयर किया. वीडियो को शेयर करते हुए प्रशांत ने एक कमेंट भी लिखा था. वीडियो में महिला (हेमा) पत्रकारों से बातचीत करते हुए योगी आदित्यनाथ से प्यार संबंधी दावे कर रही थी. महिला ने दावा किया था कि वो पिछले एक साल से योगी आदित्यनाथ के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संपर्क में है. महिला का कहना था कि वो पूरे प्रकरण के चलते तनाव में है और योगी आदित्यनाथ को सामने आकर उससे बातचीत करनी चाहिए.

उत्तर प्रदेश के लखनऊ स्थित हजरतगंज थाने में प्रशांत के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. यह केस एक सब इंस्पेक्टर की शिकायत पर दर्ज हुआ. इस शिकायत में सीएम के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी और उनकी छवि खराब करने के आरोप लगाए गए थे.

प्रशांत की गिरफ्तारी के बाद पत्रकारों और सोशल मीडिया पर यूजर्स ने उत्तर प्रदेश सरकार की काफी आलोचना की थी. सुप्रीम कोर्ट में मामला पहुंचने के बाद कोर्ट ने कनौजिया की रिहाई का आदेश दिया था.

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