निर्भया गैंगरेप मामले में मौत की सजा पा चुके चार दोषियों में से एक के पिता ने इस मामले में एकमात्र गवाह के खिलाफ FIR दर्ज किए जाने की अपील की है. दोषी के पिता ने दिल्ली की एक कोर्ट में याचिका दायर की है और गवाह पर पैसे लेकर विभिन्न चैनलों पर साक्षात्कार देने का आरोप लगाया है.
याचिकाकर्ता के वकील ने यह दावा किया है कि गवाह के इन साक्षात्कारों के कारण मामला प्रभावित हुआ और इस पर मीडिया ट्रायल शुरू हुआ. बता दें, 23 वर्षीय पीड़िता का मित्र और मामले में एकमात्र चश्मदीद गवाह, बर्बर घटना वाले दिन उस बस में पीड़िता के साथ ही था. हमले में वह भी घायल हुआ था.
याचिकाकर्ता के वकील ने क्या कहा?
वकील एपी सिंह ने कहा कि दोषी ठहराए जा चुके पवन कुमार गुप्ता के पिता हीरा लाल गुप्ता मामले में शिकायतकर्ता हैं. उन्होंने हाल में मीडिया में आई कुछ खबरों का हवाला दिया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि गवाह ने तमाम समाचार चैनलों पर साक्षात्कार देने के एवज में पैसे मांगे थे.
शिकायतकर्ता ने कहा, ‘‘उसकी (गवाह की) झूठी गवाही और उसके अपराध को देखते हुए मामले में स्वतंत्र जांच की दरकार है. एकमात्र गवाह होने के नाते उसकी गवाही ने मामले के निर्णय को बेहद प्रभावित किया, जिसके कारण आरोपियों को मृत्युदंड की सजा हुई.’’
मामले के एकमात्र गवाह पर क्या है आरोप?
इन खबरों का हवाला देते हुए वकील ने कहा, ‘‘इन तथ्यों और परिस्थितियों के आधार पर यह साफ हो गया है और उसका (गवाह) व्यवहार यह साफ-साफ दर्शाता है कि उसकी गवाही झूठी और मनगढ़ंत है... उसकी गवाही में यह सबसे महत्वपूर्ण बात है और अगर यह प्रमाणित होता है तो इससे यह साबित होगा कि उसकी गवाही वास्तव में झूठी है.’’
शिकायत में कहा गया, ‘‘यह भी स्पष्ट है कि मामले में एकमात्र गवाह ने तमाम समाचार चैनलों से इसके एवज में लाखों रुपये लिए... जिससे मीडिया ट्रायल शुरू हुआ और मामला प्रभावित हुआ.’’
इसके अनुसार गवाह की ‘‘झूठी’’ गवाही के आधार पर निर्भया सामूहिक दुष्कर्म मामले के आरोपियों को सजा सुनायी गई और मृत्युदंड दिया गया.
वकील ने कोर्ट को बताया कि शिकायतकर्ता दिल्ली पुलिस में इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज कराना चाहता था, हालांकि इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई.
दोषियों की 13 दिसंबर को कोर्ट में होगी पेशी
दिल्ली की कोर्ट ने हाल ही में तिहाड़ जेल प्रशासन को चारों दोषियों को 13 दिसंबर को उसके समक्ष पेश करने का आदेश दिया है ताकि वे अपनी-अपनी याचिका की स्थिति से अदालत को अवगत करा सकें.
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