3 कृषि कानूनों के खिलाफ धरने पर बैठे किसानों को फिर से विपक्ष का साथ मिला है. कांग्रेस समेत 12 विपक्षी दलों ने संयुक्त किसान मोर्चा के 26 मई को काला दिवस मनाने के फैसले को समर्थन दिया है.
किसानों का प्रदर्शन, विपक्ष का समर्थन
दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर 3 कृषि कानूनों को लेकर किसान संगठन केंद्र सरकार के खिलाफ लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं.
26 मई को किसान आंदोलन के 6 महीने पूरे होने जा रहे है. इस मौके पर संयुक्त किसान मोर्चा ने देशभर में विरोध के तौर पर काला दिवस मनाने का आह्वान किया है.
वहीं कांग्रेस, जेडीएस,एनसीपी,टीएमसी,शिवसेना,डीएमके,जेएमएम,समाजवादी पार्टी, आरजेडी, सीपीआई और सीपीएम समेत अन्य विपक्षी दलों ने संयुक्त बयान जारी करते हुए किसानों के इस फैसले का समर्थन किया है.
विपक्षी दलों ने कहा कि हम पिछले 6 महीने से संघर्ष कर रहे किसानों के साथ हैं और संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से 26 मई को देशभर में विरोध दिवस मनाने के निर्णय का समर्थन करते हैं.
12 मई को विपक्ष ने लिखा पीएम मोदी को पत्र
इससे पहले 12 मई को विपक्षी दलों ने संयुक्त रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर किसानों की मांगों का समर्थन किया था.
- हमारे लाखों अन्नदाताओं को महामारी से बचाने के लिए कृषि कानूनों को निरस्त किया जाए ताकि वे भारतीयों के लिए अन्न की पैदावार जारी रखें.
- हम तुरंत कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग करते हैं, साथ स्वामीनाथन कमेटी की ओर से न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर दिए सुझावों को लागू करने की मांग करते हैं.
- केंद्र सरकार को अपना अड़ियल रवैया छोड़कर तुरंत किसान संगठनों से बात करना चाहिए.
बता दें कि पिछले साल नवंबर माह से यूपी, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के किसान संगठन दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर केंद्र सरकार द्वारा पारित 3 कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं.
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