अरुणाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार एक बार फिर हिचकोले खा रही है. प्रदेश के सीएम पेमा खांडू समेत 43 विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. राज्य में कांग्रेस के 44 विधायक हैं.
सभी विधायकों ने क्षेत्रीय दल ‘पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल’ का दामन थामा है. पीपीए बीजेपी सरकार में मंत्री रहे हेमंत बिस्वा की पार्टी है.
अरुणाचल प्रदेश की 60 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 44 विधायक थे, जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री नबाम तुकी को छोड़कर सभी दल बदलकर पीपीए में शामिल हो गए हैं.
‘कांग्रेस रहने लायक पार्टी नहीं’
इस बारे में जब गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि सीएम और एमएलए ने क्षेत्रीय पार्टी जॉइन की है. इसका बीजेपी से कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर सीएम और मंत्रियों को अपने नेताओं से मिलने के लिए इंतजार करना पड़ेगा, तो कोई कैसे ऐसी पार्टी में रह सकता है. कांग्रेस को अपनी गलतियों के बीजेपी को जिम्मेदार नहीं ठहराना चाहिए.
2015 से डावांडोल है हालत
60 सदस्यीय अरुणाचल प्रदेश की विधानसभा में कांग्रेस के 44 विधायक थे, जबकि बीजेपी के 11 विधायक हैं. कांग्रेस में पहली बगावत नवंबर, 2015 में हुई थी. तभी से वहां राजनीतिक उथल-पुथल का दौर जारी है.
उस समय कांग्रेस की सरकार गिर गई थी और कालिखो पुल की अगुवाई में नई सरकार बनी थी, जिसे बीजेपी के 11 विधायकों ने समर्थन दिया था. गौरतलब है कि खांडू के विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद दो निर्दलीयों और 45 पार्टी विधायकों के समर्थन से कांग्रेस ने एक बार फिर राज्य में सरकार बना ली थी.
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