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इंदिरा से सोनिया तक के करीबी,कांग्रेस के चाणक्य-अहमद पटेल की कहानी

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल का 71 साल की उम्र में निधन हो गया है

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भारत
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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल का 71 साल की उम्र में निधन हो गया है. उनके बेटे फैजल ने बताया कि पटेल ने बुधवार तड़के करीब तीन बजकर 30 मिनट पर अंतिम सांस ली. पिछले दिनों पटेल को COVID-19 पॉजिटिव पाया गया था. तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें गुरुग्राम के एक हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था.

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पटेल को नेहरू-गांधी परिवार का काफी करीबी और भरोसेमंद नेता माना जाता था. वह पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के पार्लियामेंटरी सेक्रेटरी रहे थे.

इंदिरा गांधी और राजीव गांधी से उनकी करीबी के चलते ही, वह राजीव गांधी की मौत के बाद सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार बने थे. पटेल कई सालों तक सोनिया गांधी (मौजूदा वक्त में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष) के पॉलिटिकल सेक्रेटरी रहे थे. उन्होंने कई बार पार्टी को कठिन परिस्थितियों से बाहर निकाला था.

कुछ वक्त पहले जब राजस्थान में कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई के चलते अशोक गहलोत सरकार मुश्किल में आ गई थी, तब सचिन पायलट को बातचीत की टेबल पर लाकर सरकार बचाने में पटेल की भूमिका अहम मानी गई. यूपीए सरकार के दौरान जरूरत पड़ने पर सहयोगी दलों के साथ बातचीत करने में भी उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी.

पटेल 8 बार संसद के सदस्य चुने गए- 3 बार लोकसभा के लिए, जबकि 5 बार राज्यसभा के लिए. वह साल 2017 में एक कड़े मुकाबले के बाद 5वीं बार राज्यसभा के सदस्य चुने गए थे.

अहमद पटेल का जन्म गुजरात के भरूच में हुआ था, जिसका उन्होंने लोकसभा में प्रतिनिधित्व किया था. NDTV के मुताबिक, उनके पिता एक सोशल वर्कर थे. 

कांग्रेस में पटेल की राजनीतिक पारी की शुरुआत पार्टी की यूथ विंग से हुई थी. उन्होंने गुजरात यूथ कांग्रेस अध्यक्ष पद भी संभाला था. न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, वह साल 1976 में भरूच म्यूनिसिपल बॉडी में पार्षद चुने गए थे.

साल 1977 में इंदिरा गांधी ने भरूच से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए पटेल को चुना था. उस वक्त वह 28 साल के थे. जब कांग्रेस के कई बड़े नेता चुनाव हार गए थे, तब पटेल युवा नेता के तौर पर चुनाव जीतकर सांसद बने थे. इससे उन्हें न केवल राष्ट्रीय राजनीति में आने का मौका मिला, बल्कि उन पर कांग्रेस नेता संजय गांधी का भी ध्यान गया. मौजूदा वक्त में पटेल कांग्रेस के कोषाध्यक्ष थे, उन्होंने 3 बार यह जिम्मेदारी संभाली थी.

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