भीमा-कोरेगांव केस NIA को ट्रांसफर किए जाने पर महाराष्ट्र में बवाल मचा हुआ है. राज्य में महाराष्ट्र विकास अघाड़ी गठबंधन की सरकार में इस कदम को लेकर कलह देखने को मिल रही है. पहले एनसीपी और अब कांग्रेस ने इस केस को NIA को सौंपने को लेकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर हमला बोला है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पार्टी के महाराष्ट्र इंचार्ज मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि ये ठीक नहीं है और ऐसी चीजों पर चर्चा होनी चाहिए.
केस NIA को सौंपने का कदम ठीक नहीं है, हम पार्टनर हैं और ऐसी बातों पर चर्चा होनी चाहिए. उद्धव ठाकरे के पास पावर होगी लेकिन उसे न्यायपूर्वक इस्तेमाल करना चाहिए. हमारे मंत्री वहां हैं और वो लड़ेंगे.मल्लिकार्जुन खड़गे
शरद पवार ने भी उद्धव सरकार पर उठाया सवाल
महाराष्ट्र सरकार में शिवसेना की साथी एनसीपी के प्रमुख शरद पवार ने भी इस मामले में उद्धव सरकार पर सवाल उठाया है. पवार ने केस के ट्रांसफर को संविधान के हिसाब से गलत बताया है.
भीमा-कोरेगांव मामले की जांच में शामिल महाराष्ट्र पुलिस के कुछ अधिकारियों का व्यवहार संदेहजनक था. मैं चाहता था कि इन अधिकारियों की जांच हो. लेकिन एक सुबह राज्य सरकार के कुछ मंत्री अधिकारियों से मिले और उसी दिन दोपहर 3 बजे केंद्र ने केस NIA को ट्रांसफर कर दिया. ये संविधान के मुताबिक गलत है क्योंकि आपराधिक जांच राज्य के अधिकार क्षेत्र में आती है.शरद पवार
पवार ने कहा कि केंद्र का जांच राज्य सरकार से छीन लेना गलत था और महाराष्ट्र सरकार ने इस कदम का समर्थन कर भी गलत किया.
NIA कोर्ट को सौंपे गए केस के रिकॉर्ड
भीमा-कोरेगांव मामले में पुणे सेशन कोर्ट ने एनआईए कोर्ट मुंबई को मामले के सभी रिकॉर्ड और आगे की कार्यवाही को स्थानांतरित करने का आदेश दे दिया है. मामले के सभी आरोपियों को 28 फरवरी को मुंबई कोर्ट में पेश किया जाएगा. जज के आदेश पारित करने से पहले अभियोजन पक्ष ने एक आवेदन पेश किया, जिसमें कहा गया कि मामले को ट्रांसफर करने वाली NIA की याचिका पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है.
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