लोकसभा चुनाव 2019 के लिए उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है. चुनावों में अब चंद महीने ही बचे हैं और सभी पार्टियां अपनी-अपनी रणनीति पर काम कर रही हैं. इसी बीच महाराष्ट्र में एक बड़ा गठबंधन तय हो गया है. राज्य की दो बड़ी पार्टियां कांग्रेस और एनसीपी एक साथ 2019 का चुनाव लड़ने जा रही हैं. नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी यानी एनसीपी के नेता प्रफुल्ल पटेल ने ऐलान कर दिया है कि राज्य में 40 सीटों को लेकर कांग्रेस के साथ उनका समझौता हो गया है. 2019 में कांग्रेस और एनसीपी 20-20 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे.
हालांकि पूरे महाराष्ट्र में कुल 48 लोकसभा सीटें हैं. ऐसे में बची हुई 8 सीटों पर किसके उम्मीदवार उतरेंगे उसे लेकर अभी दोनों पार्टियों में फिलहाल कोई फैसला नहीं हुआ है. आपको बता दें कि कांग्रेस और एनसीपी ने आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर शुक्रवार को बैठक बुलाई थी. एनसीपी प्रमुख शरद पवार भी उस बैठक में शामिल हुए.
आगामी लोकसभा चुनावों में बीजेपी को पटखनी देने के लिए ये दोनों पार्टियां एक साथ आई हैं. हालांकि अभी 8 सीटों को लेकर पेंच फंसा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक जिन 8 सीटों पर सहमति नहीं बनी उनमें पुणे और अहमदनगर संसदीय सीट भी शामिल हैं.
2014 में था 26-21 का फॉर्मूला
2014 के लोकसभा चुनाव में भी एनसीपी और कांग्रेस के बीच गठबंधन हुआ था. उस वक्त कांग्रेस ने 26 सीट तो वहीं एनसीपी ने 21 सीटों पर चुनाव लड़ा था. कांग्रेस को सिर्फ दो और एनसीपी को पांच सीटों पर जीत मिली थी.
2014 में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन ने 48 में से 40 पर जीत दर्ज की थी. बीजेपी को 22, जबकि शिवसेना को 18 सीटें मिली थी. 2019 के चुनावों में उत्तरप्रदेश के बाद महाराष्ट्र की सबसे जरूरी राज्य है. विपक्षी दल इन दो राज्यों में वापसी के लिए बेकरार हैं तो वहीं बीजेपी के लिए दिक्कतें बढ़ रही हैं. 80 सीटों वाले यूपी में सपा-बसपा का गठबंधन बीजेपी की नीदें उड़ा रहा है तो वहीं महाराष्ट्र में उनके पुराने सहयोगी शिवसेना लगभग हर दिन ही मोदी सरकार की आलोचना करते हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)