चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भारत यात्रा से पहले कश्मीर की स्थिति पर अपनी नजर रखने की बात कही है. इस बयान पर भारत में जमकर बवाल हो रहा है. अब विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने इस मामले पर केंद्र सरकार से सवाल किया है. कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि अगर चीन की निगाहें कश्मीर पर हैं तो भारत भी चीन से तिब्बत, हांगकांग के बारे में सवाल क्यों नहीं करता है?
मनीष तिवारी ने ट्वीट किया, "अगर शी जिनपिंग कहते हैं कि उनकी नजर कश्मीर पर है, तो प्रधानमंत्री या विदेश मंत्रालय क्यों नहीं कहता है कि हम हांगकांग में लोकतंत्र को लेकर हो रहे प्रदर्शन को देख रहे हैं, शिंजियांग में मानवाधिकार के उल्लंघन को देख रहे हैं, हम तिब्बत में हो रहे उत्पीड़न को देख रहे हैं और हम साउथ चाइना पर चीन की दखलअंदाजी पर भी नजर बनाए हुए हैं."
कश्मीर पर चीन का यू-टर्न!
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग 11 और 12 अक्टूबर को दो दिवसीय दौरे पर भारत आ रहे हैं. पहले कश्मीर पर चीन की ओर से बयान दिया गया था कि इसपर भारत-पाकिस्तान को आपस में बात करनी चाहिए. लेकिन जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान चीन पहुंचे तो चीन ने अपने बयान से यू-टर्न ले लिया. अब जिनपिंग ने कहा, कश्मीर में स्थिति पर उनकी नजर है और वो पाकिस्तान के मूल हितों से संबंधित मुद्दों पर उसका समर्थन करेंगे.
बता दें, चीन अपने पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान का पुराना सहयोगी है. उसने कश्मीर मुद्दे पर भी पाकिस्तान का समर्थन किया था. चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन में कहा था, ‘‘भारत को ऐसा कोई एकतरफा काम नहीं करना चाहिए, जिससे यथास्थिति में परिवर्तन आता हो.’’
कश्मीर पर किसी अन्य देश को टिप्पणी करने का हक नहीं: भारत
शी जिनपिंग के भारत दौरे से दो दिन पहले, नई दिल्ली ने बुधवार को इमरान खान और शी के बीच कश्मीर मुद्दे को लेकर हुई बातचीत की ओर इशारा करते हुए कहा कि 'भारत के आंतरिक मामलों पर किसी अन्य देश को टिप्पणी करने का कोई हक नहीं है.'
तमिलनाडु के महाबलीपुरम में जहां दोनों नेताओं के बीच मुलाकात के लिए सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने शी और खान के बीच बातचीत की रिपोर्ट पर कहा, "हमने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और इमरान खान के बीच बैठक के संबंध में रिपोर्ट देखी, जिसमें उन्होंने अपनी बातचीत के दौरान कश्मीर का भी उल्लेख किया है."
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