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‘गहलोत,पायलट को चाय पर बुलाएं सोनिया, ये कांग्रेस का आंतरिक मामला’

पूर्व राज्यसभा सांसद मार्गरेट अल्वा ने कहा, “मैं मानती हूं कि कोई संकट नहीं है"

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राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच अनबन चल रही है. पायलट के साथ कुछ विधायक भी सरकार से दूर हो गए हैं और राज्य में फिलहाल राजनैतिक संकट जारी है. हालांकि कांग्रेस पार्टी की वरिष्ठ नेता और राजस्थान की राज्यपाल रह चुकीं मार्गरेट अल्वा का कहना है कि कोई संकट नहीं है. अल्वा के मुताबिक, सोनिया गांधी को गहलोत और पायलट को चाय पर बुलाकर 'समस्या' सुलझा देनी चाहिए.

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इंडिया टुडे को दिए एक इंटरव्यू में पूर्व राज्यसभा सांसद मार्गरेट अल्वा ने कहा, "मैं मानती हूं कि कोई संकट नहीं है क्योंकि कोई पार्टी नहीं छोड़ रहा है."

'CWC को बदलने का समय आ गया है'

मार्गरेट अल्वा ने कहा कि कोई भी नहीं चाहता कि सचिन पायलट पार्टी छोड़ें और वो कांग्रेस के सबसे अच्छे युवा नेताओं में से एक हैं. अल्वा ने कहा, "ये सब युवा नेता तो उस टीम का हिस्सा होने वाले थे जो राहुल गांधी बना रहे थे. क्या हुआ उसका? सब कुछ बिखर कैसे गया?"

मुझे लगता है कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) को पूरी तरह बदलने का समय आ गया है. भारतीयों की औसत आयु 30 है और CWC सदस्यों की औसत आयु 70 है. इंदिरा और राजीव गांधी ने अपनी-अपनी यंग पार्टी सदस्यों की टीम बनाई थी. यही उम्मीद हमने राहुल गांधी से की थी. अब राज्य, राष्ट्रीय स्तर और CWC में जनरेशन बदलने का समय है.  
मार्गरेट अल्वा, पूर्व राज्यसभा सांसद

मार्गरेट अल्वा ने कहा कि अब यंग जनरेशन को कमान संभालनी होगी. अल्वा का कहना है कि कांग्रेस को साफ नहीं किया जा सकता क्योंकि उसकी जड़ें हैं.

'गहलोत, पायलट को चाय पर बुलाएं सोनिया'

मार्गरेट अल्वा ने इंडिया टुडे से कहा कि अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच की लड़ाई कांग्रेस का आंतरिक मामला है. अल्वा ने कहा कि सोनिया गांधी को दोनों नेताओं को चाय पर बुलाना चाहिए और दोनों के बीच के मतभेदों को खत्म करना चाहिए.

सचिन पायलट बहुत साफ तौर से कह चुके हैं कि वो कांग्रेस नहीं छोड़ रहे हैं. पायलट ने कहा है कि वो राजस्थान की सरकार नहीं गिराना चाहते. सचिन कह चुके हैं कि वो बीजेपी में शामिल नहीं होंगे. जब ये बयान दिए गए हैं तो ये पार्टी का आंतरिक मामला बनता है. मुझे लगता है इसमें गवर्नर और कोर्ट की कोई भूमिका नहीं है.  
मार्गरेट अल्वा, पूर्व राज्यसभा सांसद

अल्वा का कहना है कि ये मामला कांग्रेस की अध्यक्ष को सुलझाना चाहिए. अल्वा ने कहा, "अगर सोनिया गांधी गहलोत और पायलट को 10 जनपथ बुलाती हैं और दोनों को आमने-सामने बैठा देती हैं, तो एक कप चाय पर ये मामला हल हो जाएगा."

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