कोविड-19 (Covid -19) को कई संबंधित मामलों में मौत का कारण ना मानने पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र सरकार को अपने फैसले पर फिर से विचार करने के लिए कहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र सरकार को कहा कि वो आत्महत्या समेत कई मामलों में मौत के कारण को कोरोना से हुई मौत के रूप में देखने को तैयार नहीं है तब भी जब कोरोना मौत में एक सहायक रहा हो.
जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस एएस बोपन्ना की 2 जजों की बेंच ने कोविड डेथ सर्टिफिकेट के मामले में स्वास्थ्य मंत्रालय की नई गाइडलाइन का जिक्र करते हुए केंद्र सरकार को 30 जून को दिए गए अपने फैसले को कोर्ट ने फिर से देखने के लिए कहा.
क्या है स्वास्थ्य मंत्रालय की नई गाइडलाइन
दरअसल स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपनी गाइडलाइन में कहा है कि यदि किसी की मौत कोरोना के साथ-साथ जहर, आत्महत्या और एक्सीडेंट के अलावा और भी किसी कारण से होती है तो उसे कोरोना से हुई मौत नहीं माना जाएगा.
ये गाइडलाइन 11 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट के सामने रखी गई थी. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को कहा है कि वो कोरोना होने के साथ-साथ अन्य कारणों से हुई मौत को भी कोरोना से हुई मौत मानने से परहेज ना करें.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कई अहम सवाल पूछे
जस्टिस शाह ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा, "अगर कोई कोरोना से पीड़ित होते हुए आत्महत्या कर लेता है तो इसे क्या कहेंगे? आत्महत्या को कोरोना से हुई मौत के कारणों के रूप में शामिल ना करना स्वीकार नहीं किया जा सकता."
इसके अलावा में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कई अहम मसलों पर सवाल पूछे. कोर्ट ने पूछा की डेथ सर्टिफिकेट से संबंधित मामलों में शिकायत मिटाने के लिए कमेटी का गठन कितने समय में किया जाएगा? परिवार को उस कमेटी के सामने कौन-कौन से डॉक्यूमेंट रखने होंगे? और अस्पताल कौन-कौन से डॉक्यूमेंट उपलब्ध करवाएगा?
इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से ये भी कहा कि जिन लोगों को पहले ही डेथ सर्टिफिकेट दे दिए गए हैं उन पर फिर से विचार करना चाहिए और यदि परिवार की तरफ से डेथ सर्टिफिकेट को लेकर किसी तरीके का विवाद सामने आता है तो इसका निपटारा कैसे होगा ?
इससे पहले भी हो चुकी है सुनवाई
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 3 सितंबर को केंद्र सरकार को आदेश दिया था कि वह 11 सितंबर तक कोरोना संबंधित डेथ सर्टिफिकेट जारी करने की प्रक्रिया में कोर्ट के 30 जून के दिए गए फैसले को माने.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने 30 जून के फैसले में स्पष्ट किया था कि यदि किसी व्यक्ति की मौत कोरोना की वजह से पैदा हुए किसी और कारण से भी होती है तो देथ सर्टिफिकेट पर कोरोना को ही मौत का कारण लिखा जाए.
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