मुंबई में मरीज की सेहत से संबंधित परिजनों को गलत जानकारी देने पर उपभोक्ता फोरम ने अस्पताल के खिलाफ फैसला सुनाया है. उपभोक्ता फोरम ने मरीज के इलाज के लिए दिया गया पैसा ब्याज समेत लौटाने का आदेश दिया है.
मुंबई के अस्पताल में डॉक्टरों ने मरीज के परिजनों का बताया कि उनके पास सिर्फ 24 घंटे का समय बाकी है जबकि 72 साल के मरीज को सिर्फ पेप्टिक अल्सर नाम की बीमारी था.
परिजनों को गलत जानकारी देने के चलते उपभोक्ता फोरम ने अस्पताल को फीस के रूप में लिए गए 51,000 रुपये नौ फीसदी ब्याज के साथ वापस करने का आदेश दिया. पीड़ित परिवार को मुआवजे के तौर पर 60,000 रुपये मिलेंगे.
क्या है पूरा मामला?
ये मामला फरवरी, 2016 का है. बच्चु राव नाम के मरीज को पेप्टिक अल्सर से संबंधित कुछ बीमारी थी. जब वो अस्पताल अपना ईलाज कराने पहुंचे तो डॉक्टरों ने उन्हें गलत जानकारी देते हुए बताया कि उनके शरीर की सबसे बड़ी धमनी में घाव है और उनके पास सिर्फ 24 घंटे हैं. जिसके बाद मरीज बहुत ज्यादा टेंशन में आ गए.
अस्पताल की लापरवाही को देखते हुए बच्चु राव ने मुंबई उपभोक्ता फोरम का रूख किया लेकिन जब तक मामला पूरा होता उनकी मौत हो गई. इसके बाद उनके बेटे शशगिरी ने फोरम में केस लड़ा और अब जीता. उपभोक्ता फोरम ने कहा कि अस्पताल के डॉक्टरों ने सही से अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई और उन्होंने मामले को गंभीरता से भी नहीं लिया. जिस वजह से मरीज के दिमाग में तनाव पैदा हो गया.
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