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उपभोक्ता कानून लागू: शिकायत करना आसान, मिलेगी कड़ी सजा-पूरा ब्योरा

भ्रामक विज्ञापन और नकली सामान बेचने वालों को सख्त सजा का प्रावधान

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पिछले साल संसद ने कंज्यूमर प्रोटेक्शन बिल 2019 को मंजूरी दी थी. जिसमें उपभोक्ताओं के लिए कई तरह के अधिकार दिए गए हैं. साथ ही ग्राहकों के साथ धोखा करने वाले प्रोडक्ट और कंपनियों के खिलाफ कड़ी सजा का प्रावधान है. ये उपभोक्ता कानून अब 20 जुलाई से लागू हो चुका है. जिसके बाद अगर आपको कोई अपने विज्ञापन से गुमराह करने की कोशिश करता है तो उसकी खैर नहीं.

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दरअसल लगातार बढ़ते फर्जीवाड़े को रोकने के लिए संसद में ये बिल लाया गया था. जिसके बाद पास होकर ये कानून बन गया. ये कानून ग्राहकों को ताकत और अधिकार देता है.

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम में 2019 से पहले साल 1986 में संशोधन किए गए थे. इस बिल को साल 2011 और 2015 में स्थायी समिति को भेजा गया था. जिसके बाद आखिरकार ये 2019 में पास हुआ.

नए उपभोक्ता कानून के प्रावधान

  • पहले जहां से सामान खरीदा वहीं आप शिकायत कर सकते थे, लेकिन अब देश में कहीं से भी आप मोबाइल से कंपनी की शिकायत कर सकते हैं. पहले शिकायत देने के बाद वो कई बार दर्ज नहीं होती थी, लेकिन अब अगर शिकायत दर्ज नहीं होती है तो 21वें दिन ये खुद ही दर्ज हो जाएगी.
  • पहले कंज्यूमर को वकील की जरूरत होती थी, अब वकील की कोई भी जरूरत नहीं होगी. उपभोक्ता अपनी पैरवी कोर्ट में खुद कर सकता है.
  • अगर जिला स्तर और राज्य स्तर पर उपभोक्ता के हक में फैसला सुनाया जाता है तो कंपनी इसे नेशनल लेवल पर चैलेंज नहीं कर सकती है. इस फैसले पर आगे सुनवाई नहीं होगी. हालांकि मामलों के समाधान के लिए मध्यस्थता का भी प्रावधान रखा गया है.
  • अगर किसी कंपनी के प्रोडक्ट से आपको चोट पहुंचती है या फिर आपके शरीर को नुकसान होता है तो बनाने वाले को 6 महीने की सजा और 1 लाख जुर्माना देना पड़ सकता है. वहीं अगर उपभोक्ता की इस प्रोडक्ट की वजह से मौत होती है तो ऐसे में 10 का जुर्माना और आजीवन कारावास का प्रावधान है.
  • भ्रामक विज्ञापन को लेकर मैन्युफैक्चर करने वाली कंपनी पर सबसे ज्यादा कार्रवाई का प्रावधान. इस मामले में 2 साल से लेकर 5 साल तक सजा का प्रावधान है. अगर कोई कंपनी आपको गलत जानकारी देती है और झूठ बोलकर अपना प्रोडक्ट बेचने की कोशिश करती है तो उस पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लग सकता है.
  • प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में अगर कोई विज्ञापन देता है और वो उसने उतना ही छापते या दिखाते हैं, जितना कंपनी ने दिया है तो उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी. लेकिन अगर उसमें कुछ जोड़कर दिखाया गया तो मीडिया कंपनी पर जुर्माना लगाया जा सकता है.
  • ठीक इसी तरह अगर कोई सेलेब्रिटी किसी एडवर्टिजमेंट कंपनी के साथ काम करता है और जो कंपनी ने लिखा है उसे ही बोलता है तो सेलेब्रिटी के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी. उस विज्ञापन को देने वाली कंपनी पर कार्रवाई होगी.
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इस नए कानून में ऑनलाइन टेलीशॉपिंग कंपनियों को भी शामिल किया गया है. अगर कोई आपको ऑनलाइन ठगने की कोशिश करता है तो आप उसके खिलाफ अपने नजदीकी केंद्र पर जाकर उसकी शिकायत कर सकते हैं.

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