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पश्चिम बंगाल में मोस्ट वांटेड रहीं पूर्व IPS बीजेपी में शामिल

बीजेपी में शामिल हुई इस पूर्व IPS का विवादों से रहा है पुराना नाता

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कभी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की करीबी रहीं पूर्व आईपीएस भारती घोष सोमवार को बीजेपी में शामिल हो गईं. ये वही आईपीएस अफसर हैं, जिनके घर से बीते साल फरवरी महीने में सीआईडी ने 2.5 करोड़ कैश बरामद किया था. जांच में सहयोग न करने पर सीआईडी ने उन्हें मोस्ट वांटेड तक करार दे दिया था.

इसके अलावा भी भारती घोष कई दूसरी वजहों से सुर्खियों में रह चुकी हैं.

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पश्चिम बंगाल में CID ने घोषित किया था मोस्ट वांडेट

बीते साल फरवरी महीने में पश्चिम बंगाल की सीआईडी टीम ने प्रमोटिड आईपीएस अफसर भारती घोष को मोस्ट वांटेड घोषित किया था. उनकी तलाश में सीआईडी ने कई ठिकानों पर छापेमारी की थी.

बता दें, सीआईडी ने कोर्ट के आदेश पर अवैध वसूली के एक मामले में भारती घोष के खिलाफ जांच शुरू की थी. इस जांच के दौरान ही सीआईडी को भारती घोष के घर से 300 करोड़ की जमीन खरीदने के दस्तावेज मिले थे. इसी सिलसिले में सीआईडी भारती घोष से पूछताछ करना चाहती थी, लेकिन जब उनका कोई पता नहीं लगा तो सीआईडी ने उन्हें मोस्टवांटेड घोषित कर दिया था.

इसके बाद सीआईडी ने भारती घोष के पश्चिम बंगाल के अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी की थी.

रेड में भारती घोष के घर से बरामद हुआ था 2.5 करोड़ कैश

बीते साल 1 फरवरी को चंदन माझी नाम के शख्स ने पूर्व आईपीएस भारती घोष के खिलाफ अवैध वसूली और धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई थी. इसके बाद कोर्ट ने CID को इस मामले की जांच करने के आदेश दिए थे. बाद में सीआईडी ने उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति जमा करने के मामले में भी जांच की.

सीआईडी ने पूर्व आईपीएस भारती घोष के तीन ठिकानों पर छापा मारकर 2.5 करोड़ रुपये कैश बरामद किया था.

भारती घोष ने कहा कि उन्होंने अपनी संपत्ति का पूरा ब्योरा दिया था. जबकि CID ने बताया था कि बरामद किए गए 2.5 करोड़ रुपये के बारे में कहीं कोई जानकारी नहीं दी गई थी.

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ममता बनर्जी की करीबी रहीं हैं भारती घोष

भारती घोष पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ नजदीकियों के चलते भी सुर्खियों में रहीं हैं. ममता बनर्जी के साथ एक वक्त उनकी नजदीकियों का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि एक पब्लिक मीटिंग में भारती घोष सबसे सामने ममता बनर्जी को मां बोल बैठीं थीं.

इसके अलावा टीएमसी के पूर्व नेता मुकुल रॉय के साथ भी उनके अच्छे संबंध रहे हैं.

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ममता बनर्जी से दूरी की वजह क्या रही?

ऐसा माना जाता है कि मुकुल रॉय के बीजेपी में जाने के बाद ममता बनर्जी और भारती घोष के संबंधों में खटास आ गई थी. इसके बाद पश्चिम बंगाल में मेदिनापुर जिले की साबंग सीट पर उपचुनाव हुए. इस चुनाव में बीजेपी के जनाधार में बढ़त देखने को मिली थी. वह भी तब जब इस इलाके में बीजेपी का कोई बड़ा चेहरा नहीं था.

इसका ठीकरा तृणमूल नेताओं ने भारती घोष के ऊपर फोड़ दिया और चुनाव के बाद घोष का ट्रांसफर एक नीची पोस्ट पर कर दिया गया. जिसके बाद भारती घोष ने 29 दिसंबर 2017 को इस्तीफा दे दिया था. आईपीएस अफसर भारती घोष ने पश्चिम मेदिनापुर के पुलिस अधीक्षक पद से तबादले के बाद पुलिस महानिदेशक को अपना इस्तीफा सौंप दिया था.

इसके बाद से ही भारती घोष बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व के संपर्क में थीं. सोमवार को मुकुल रॉय की मौजूदगी में भी भारती घोष बीजेपी में शामिल हुईं.

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