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युवाओं में बढ़ रहा कोरोना,सतर्क रहने की जरूरत-AIIMS चीफ गुलेरिया

दिल्ली में पिछले पांच दिनों में 1,500 से ज्याद केस रोजाना आए हैं, जिसके कारण शहर अब देश भर में टॉप 10 में है.

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दिल्ली में कोरोना के मामले फिर तेजी से बढ़ रहे हैं, ऐसे में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर एम्स के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया का कहना है कि कोरोना युवाओं को ज्यादा अपनी गिरफ्त में ले रहा है. हालांकि उनका कहना है कि युवाओं में कोरोना के लक्षण हल्के हैं.

साथ ही डॉक्टर गुलेरिया ने दिल्ली में कोरोंना के बढ़ते मामलों को देखते हुए कहा है कि सभी को सतर्क रहने की जरूरत है.

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उन्होंने कहा, क्योंकि संक्रमण "बुजुर्गों में फैल सकता है" और "लक्षण भी गंभीर" हो सकते हैं, और अगर ऐसा हुआ तो एक बार फिर स्वास्थ्य संसाधनों पर बोझ पड़ सकता है.

कंटेनमेंट जोन पर फोकस

बता दें कि कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए देश के कई हिस्सों में लॉकडाउन लगाए जा रहे हैं. इंडियन एक्स्प्रेस से बात करते हुए डॉक्टर गुलेरिया कहते हैं कि संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए शहर के अंदर ज्यादा कंटेनमेंट जोन होना एक बेहतर विकल्प हो सकता है.

“अब तक, ज्यादातर रोगी जो आ रहे हैं, वे अपेक्षाकृत मामूली लक्षण वाले हैं, लेकिन यह इस तथ्य से संबंधित है कि अभी हम कम उम्र के लोगों में कोरोना संक्रमण देख रहे हैं. लेकिन यह बुजुर्गों तक फैल जाएगा, जैसा कि महाराष्ट्र में देखा गया है, जहां इसकी शुरुआत मामूली केस से हुई थी और फिर हमें मामलों की बढ़ती संख्या और अधिक गंभीर लक्षण मिले, जिससे अस्पताल के संसाधन तनावपूर्ण हो गए. हमें इस बारे में सतर्क रहने की जरूरत है.

डॉक्टर गुलेरिया बताते हैं, "रोगियों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है और उन्हें भर्ती कराया जा रहा है, लेकिन अभी तक ऐसा नहीं है कि हमें बेड की कमी है. जैसे-जैसे मामले बढ़ते जाएंगे, हम ऐसी स्थिति में पहुंचेंगे, जहां ज्यादा से ज्यादा मरीज भर्ती होंगे और यही चिंता का कारण है.”

बता दें कि दिल्ली में पिछले पांच दिनों में 1,500 से ज्यादा केस रोजाना आ रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप शहर अब देश भर में टॉप 10 में है.

“यह एक और लहर है और यह हमारे हाथ में है कि हम इसे कितना बड़ा या छोटा बनान चाहते हैं, और कितनी जल्दी हम इसे समाप्त करना चाहते हैं. कई मायनों में, यह एक ऐसी स्थिति है जिसे हमने खुद में ढाल लिया है. कुछ समय के लिए, पड़ोसी राज्यों में बढ़ रहे कोरोना के मामलों की वजह से भी यहां केस बढ़ेंगे. 
डॉक्टर गुलेरिया, निदेशक, एम्स दिल्ली

डॉक्टर गुलेरिया के मुताबिक, “जैसे ही हम टेस्टिंग, ट्रैकिंग और इलाज, और माइक्रो कंटेनमेंट जोन विकसित करने के मामले में आक्रामक कार्रवाई में आगे बढ़ेंगे, वैसे ही कोरोना केस को स्थिर करने और उन्हें नीचे लाने के लिए हम सक्षम हो सकते हैं.”

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