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डेल्टा प्लस वैरिएंट ने महाराष्ट्र में बढ़ाई चिंता, सबसे ज्यादा केस

Delta Plus की ट्रांसमिसेबिलिटी पर हो रही स्टडी

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महाराष्ट्र में कोरोनावायरस (coronavirus) के डेल्टा प्लस वैरिएंट (delta plus variant) ने चिंता बढ़ा दी है. देश में पाए गए इस वैरिएंट के सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में देखे गए हैं. ये बात महाराष्ट्र (Maharashtra) के डायरेक्टरेट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (DMER) के डायरेक्टर डॉ. तात्याराव लहाने को मिली एक रिपोर्ट में सामने आई है.

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अप्रैल में महाराष्ट्र सरकार ने काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (CSIR) और इंस्टीट्यूट ऑफ जेनॉमिक्स एंड इंटेग्रेटिव बायोलॉजी (IGIB) के साथ हर महीने राज्य के सभी जिलों से 100 सैम्पल्स की जीनोम सीक्वेंसिंग करने के लिए MoU साइन किया था. इसी के तहत ये जानकारी सामने आई है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, देश मे 15 से 20 डेल्टा वैरिएंट के मामले मिले हैं, जिसमें से 8 केस महाराष्ट्र से हैं. महाराष्ट्र के रत्नागिरी, नवी मुंबई और पालघर में डेल्टा प्लस वैरिएंट के मामले मिले हैं. लेकिन इनमें से कोई भी गंभीर नही है.  

इन मरीजों में माइल्ड लक्षण पाए गए हैं. कुछ और सैम्पल्स जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे गए हैं. हालांकि इन जिले के हेल्थ ऑफिसर्स और डीएम ने इस बात की पुष्टि नही की है.

21 जून को स्वास्थ्य विभाग की बैठक में इस रिपोर्ट पर चर्चा होगी. डेल्टा प्लस वैरिएंट के बढ़ते खतरे पर स्टेट टास्क फोर्स की सलाह से गाइडलाइन्स तैयार करने की उम्मीद है.
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डेल्टा प्लस की ट्रांसमिसेबिलिटी पर हो रही स्टडी

ज्यादा संक्रामक डेल्टा वैरिएंट (B.1.617.2) म्यूटेट हो चुका है. अब इस म्यूटेशन से डेल्टा प्लस वैरिएंट या ‘AY.1’ वैरिएंट बन गया है. दिल्ली स्थित नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के डायरेक्टर डॉ सुजीत सिंह का कहना है कि 'इस वैरिएंट पर ध्यान देने की जरूरत है.'

सिंह ने कहा, “हमने तमिलनाडु, महाराष्ट्र, पंजाब और मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों से 15-20 मामले डेल्टा प्लस वैरिएंट के मिले हैं. हालांकि, अभी के लिए डेल्टा डोमिनेंट और ताकतवर वैरिएंट है.” 

डॉ सिंह ने बताया कि डेल्टा प्लस की ट्रांसमिसेबिलिटी और सीवियर्टी पर अभी स्टडी की जा रही है. उन्होंने कहा, "पिछले महीने के सैंपल भी टेस्ट किए जाएंगे और देखा जाएगा कि क्या ये वैरिएंट मार्च और अप्रैल में भी मौजूद था."

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