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भारत में 10 लाख से ज्यादा कोरोना केस - 10 बड़ी बातें

अब दुनियाभर के कुल एक्टिव केसों में भारत की हिस्सेदारी 6% है.

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देश में कोरोना वायरस ने अबतक 10 लाख लोगों पर सीधा अटैक किया है. जी हां, भारत 10 लाख कोरोना केसेज वाला दुनिया का तीसरा देश बन गया. वहीं अबतक 25 हजार से ज्‍यादा लोगों की मौत हो चुकी है. शुक्रवार को आए ताजा आंकड़ों के मुताबिक कोरोना वायरस के 34,956 नए मामले सामने आए हैं, वहीं 687 लोगों की 24 घंटे में मौत हुई है.

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भारत में कोरोना वायरस से जुड़ी 10 बड़ी बातें-

1. शून्य से केस से 10 लाख

जब एक मार्च 2020 को दुनिया में कोरोना के एक्टिव केस की संख्या 40,414 थी, तब भारत में एक्टिव केस शून्य था. लेकिन अब 17 जुलाई को भारत में ये संख्या बढ़कर 10 लाख पार कर चुके हैं. फिलहाल 342473 कोरोना के एक्टिव केस हैं. साथ ही 635757 लोग ठीक या डिस्चार्ज हो चुके हैं.

2. दुनिया में कहां खड़ा है भारत

फिलहाल सबसे ज्यादा कोरोना केस की रैंकिग में भारत अमेरिका और ब्राजील के बाद तीसरे नंबर पर है. अब दुनियाभर के कुल एक्टिव केसों में भारत की हिस्सेदारी 6% है. हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, “भारत में प्रति दस लाख जनसंख्या पर केसेज की संख्या दुनिया में सबसे कम है.”

3. किस स्पीड से बढ़ रहा कोरोना

कोरोना केस दोगुना होने की रफ्तार- 20.2 दिन

मृत्यु दर दो गुना होने की रफ्तार- 20 दिन

एक्टिव केस दोगुना होने की रफ्तार- 28 दिन

इस रफ्तार से 7 अगस्त तक नए कोरोना केस 20 लाख से ज्यादा हो जाएंगे. मौत का आंकड़ा 50 हजार से ज्यादा होगा

4. डेथ रेट

आबादी के हिसाब से देखें तो भारत में प्रति 10 लाख आबादी पर 18 लोगों की मौत हुई है. दुनिया के दूसरे देशों के मुकाबले यह कम है. अमेरिका में प्रति 10 लाख आबादी पर 415 मरीजों की मौत हो रही है. 16 जुलाई को केस फैटेलिटी रेशियो (CFR) यानी कोरोना संक्रमितों में मत्यु प्रतिशत 2.57% रहा. ये पिछले एक महीने के मुकाबले कम हुआ है. 17 जून को केस फैटेलिटी रेशियो 3.6% था.

लेकिन एक दूसरे नजरिए से हालात खराब हुई है. दो महीने पहले प्रति दस लाख मौत की संख्या थी 2 थी. अब ये संख्या है 19.

5. टेस्टिंग में क्या है भारत की स्थिति

कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं, इसके बावजूद, टेस्टिंग के मामले में हम सबसे पिछड़े देशों में शामिल हैं. 15 जुलाई को भारत में प्रति मिलियन 8,991 टेस्ट हुए. जबकि अमेरिका में ये संख्या 132,993 और ब्राजील में 21,507 था.

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6. रिकवरी रेट

स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन के मुताबिक, “देश में अब कोरोना वायरस रिकवरी रेट 63.25% हो चुकी है.” मई में रिवकरी रेट लगभग 26% थी, मई के अंत तक ये करीब 48% हो गई, जुलाई आने तक ये करीब 63% हो गई है. 20 राज्यों की रिकवरी दर राष्ट्रीय औसत 63% से बेहतर है.

7. अनलॉक ने कोरोना को रफ्तार दी

भारत में संक्रमण का पहला मामला 30 जनवरी को आया था. जब भारत में लॉकडाउन हुआ तब सिर्फ 571 केस थे. धीरे-धीरे करके लॉकडाउन से भारत अनलॉक में पहुंचा लेकिन केस बढ़ते ही गए. एक आंकड़े के मुताबिक भारत में 80% से ज्यादा मामले अनलॉक 1 मतलब 1 जून के बाद ही आए हैं. इसी तरह 75 फीसदी से ज्यादा मतलब करीब 19 हजार मौतें अनलॉक होने के बाद हुईं हैं. जब्कि

8. 3 दिन में एक लाख केस

बता दें कि सिर्फ तीन दिन में ही भारत में कोरोना के 1 लाख से ज्यादा मरीज मिले हैं. इससे पहले 8 से 9 लाख मरीज होने में भी तीन ही दिन लगे थे. 1 अप्रैल तक दुनिया के कुल एक्टिव केसों में भारत की हिस्सेदारी महज 0.25% थी. 2 महीने बाद 1 जून को भारत और दुनिया में एक्टिव केस 97,008 और 30.27 लाख थे. भारत की हिस्सेदारी 3.2% हो गई. 1 जुलाई को एक्टिव केसों में भारत की भागीदारी 5.3% जा पहुंची.

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9. भारत में कौन सा राज्य सबसे ज्यादा प्रभावित

कोरोना वायरस के कुल मामलों में से 86% एक्टिव मामले सिर्फ 10 राज्यों तक ही सीमित है. इनमें से 2 राज्य- महाराष्ट्र और तमिलनाडु में 50% मामले हैं और 8 राज्यों में 36% मामले हैं. इन राज्यों में कर्नाटक, दिल्ली, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, गुजरात और असम हैं.

10. कम प्रभावित तेजी से हो रहे संक्रमित

बिहार झारखंड जैसे राज्यों में अब कोरोना का प्रकोप बढ़ रहा है. प्रवासी मजदूरों के पहुंचने और उनके सही तरीके से मैनेजमेंट न होने से खतरा बढ़ रहा है. बिहार में हाल ये है 16 दिनों में 11 हजार मामले आए हैं. बिहार में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या फिलहाल 21558 हो गयी है. जब्कि 1 जुलाई तक ये आंकड़ा 10205 था. बिहार में अब तक 167 लोगों की मौत हुई है जब्कि एक जुलाई तक 73 लोगों की मौत हुई थी.

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