दुनिया भर में मशहूर और दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में स्थित तबलीगी मरकज में पहुंचे 6 लोगों की मौत तेलंगाना में हो गई है. ये जानकारी तेलंगाना सीएम ऑफिस ने दी है. सीएम ऑफिस के हवाले से कहा गया है कि मरकज गए कुछ लोगों में कोविड-19 का संक्रमण हुआ है. इसके साथ ही मरकज में हिस्सा लेने वाले 200 लोगों को दिल्ली के अस्पतालों में भर्ती किया गया है. इससे पहले मरकज में गए दो बुजुर्गों की मौत हो चुकी है.
24 मार्च को SHO P.S. ने हजरत निजामुद्दीन, मरकज परिसर को बंद करने की मांग करते हुए एक नोटिस जारी किया था. 24मार्च को इसका जवाब आया जिसमें कहा गया कि मरकज को बंद करने के निर्देशों का पालन चल रहा है और पिछले दिन लगभग 1500 लोग वापिस भेज दिए गए हैं..
इसके बाद मरकज में विभिन्न राज्यों और देशों के लगभग 1000 विजिटर्स बच गए थे, यह भी बताया गया कि Ld. SDM को लोगों को उनके मूल स्थानों पर वापस भेजने के लिए वाहन के पास देने का अनुरोध किया था.
अब दिल्ली सरकार ने कहा है कि वो पुलिस से इस मामले में FIR दर्ज करने को कहेगी.
तुरंत COVID19 टेस्ट के आदेश
उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय ने 18 जिलों के सीनियर पुलिस अधिकारियों को एक आदेश जारी किया है कि वे दिल्ली के निजामुद्दीन में एक धार्मिक सभा में भाग लेने वाले लोगों के लिए तुरंत COVID19 टेस्ट करवाने की व्यवस्था करें. और उन लोगों को अस्पताल में भर्ती कराएं, जिनका टेस्ट पॉजिटिव आए.
इस बीच जो लोग निजामुद्दीन इलाके से बसों में सवार हुए थे, उन्हें दिल्ली के लोक नायक जयप्रकाश अस्पताल में जांच के लिए ले जाया गया.
दिल्ली के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग की सचिव पद्मिनी सिंगला निजामुद्दीन इलाके में पहुंचीं, जहां से लोगों को चेकअप के लिए विभिन्न अस्पतालों में ले जाया गया है.
तबलीगी मरकज पहुंचे जिन दोनों बुजुर्गों की मौत हुई है, उनमें एक तमिलनाडु और दूसरा कश्मीर घाटी का रहने वाला था. एक की मौत की वजह हार्ट अटैक, जबकि दूसरे की मौत की वजह कोरोना का सदमा बताया जाता है, अस्पतालों में दाखिल 200 लोगों में से छह के कोरोना पॉजिटिव की कथित रिपोर्ट है.
हालांकि तबलीगी मरकज के प्रवक्ता ने इस खबर की फिलहाल पुष्टि नहीं की है. जो 200 लोग अस्पतालों में दाखिल किए गए हैं, वे भी सब के सब 60 से ऊपर की ही उम्र वाले हैं.
तबलीगी मरकज के प्रवक्ता डॉ. मोहम्मद शुएब अली ने सोमवार को आईएएनएस को बताया, "अभी तक मरकज में पहुंचे लोगों में से किसी को कोरोना पॉजिटिव मिलने की खबर हमारे पास नहीं है."
लेकिन उन्होंने माना कि मरकज में आए दो बुजुर्गों की मौत हुई है। इनमें एक बुजुर्ग जिनका नाम गसगीर (63) था, मरकज में ठहरे हुए थे. उन्हें शनिवार को तबीयत खराब होने पर दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में दाखिल कराया गया, जहां उनकी मौत हो गई. गसगीर तमिलनाडु के रहने वाले थे. उनके बारे में संबंधित अस्पताल ने अभी तक कोरोना पॉजिटिव संबंधी कोई रिपोर्ट मरकज प्रशासन को नहीं दी है. उनकी मौत की वजह सदमा बताई गई है.
प्रवक्ता ने मरकज पहुंचे दूसरे शख्स के भी कोरोना पॉजिटिव होने की बात से साफ इंकार किया. उनके मुताबिक, "मरकज तबलीगी जमात में छह मार्च को हमारे यहां 65 साल के कश्मीर सोपोर के मूल निवासी भी पहुंचे थे, जिनकी बाद में कश्मीर के एक अस्पताल में मौत हो गई. उनकी मौत की वजह कश्मीरी डॉक्टरों ने कॉर्डियक अरेस्ट बताई थी. वह साहब यूपी, दिल्ली होते हुए कश्मीर वापिस चले गए थे. वह मरकज तबलीगी जमात में दो तीन दिन रुककर नौ मार्च को यहां से चले गए थे."
तबलीगी जमात के प्रवक्ता ने कश्मीरी बुजुर्ग की मौत की वजह भले ही कार्डियक अरेस्ट बताई है, मगर कश्मीरी अस्पताल के डॉक्टरों और मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक वह बुजुर्ग कोरोना पॉजिटिव था. कोरोना पॉजिटिव के रूप में कश्मीर घाटी में यह पहली मौत मानी गई.
जमात प्रवक्ता ने इस बात की पुष्टि की है कि मरकज को फिलहाल अस्थाई क्वोरंटीन हाउस में तब्दील कर दिया गया है. मरकज में पहुंचे और इनमें से रविवार को दिल्ली के अलग-अलग अस्पतालों में दाखिल कराए गए लोगों में से छह लोग कोरोना पॉजिटिव मिले हैं? प्रवक्ता ने कहा, "नहीं, अभी तक हमारे पास इसकी कोई सूचना नहीं है. जमात मुख्यालय ने खुद भी कई बार, इस बाबत उन अस्पतालों से संपर्क किया, जिनमें 200 लोगों को हमने और इलाके की पुलिस व एसडीएम ने एडमिट कराया था."
लेकिन सूत्रों ने आईएएनएस को बताया है कि 200 में से 6 लोगों की रिपोर्ट कोरोना पाजिटिव है. ये सभी मरीज दिल्ली के लोक नायक अस्पताल में दाखिल बताए जाते हैं. लेकिन अस्पताल प्रशासन की तरफ से अभी कोई अधिकृत बयान जारी नहीं किया गया है.
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