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रेलवे ने तैयार किए 80 हजार आइसोलेशन बेड, PPE पर अफवाहें- सरकार

रेलवे ने आइसोलेशन के लिए अपने 5 हजार कोच का इस्तेमाल किया है 

Published
भारत
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से गुरुवार को कोरोना वायरस पर जानकारी देते हुए बताया गया कि अब तक इस वायरस के कंफर्म केस की संख्या 5734 तक पहुंच चुकी है. वहीं 473 लोग ठीक हो चुके हैं. संयुक्त सचिव ने बताया कि पिछले एक दिन में 540 नए केस और 76 मौत रिपोर्ट की गई हैं. इस वायरस से अब तक कुल 166 लोग जान गंवा चुके हैं. इसके अलावा मंत्रालय की तरफ से पीपीई किट और अन्य मामलों को लेकर भी जानकारी दी गई.

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संयुक्त सचिव ने बताया कि मंत्रालय ने हेल्थ समस्याओं से निपटने के लिए 10 हाई लेवल टीम बनाई हैं. ऐसी 10 टीमों को 9 राज्यों में भेजा गया है. इसमें बिहार, राजस्थान, गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना, यूपी, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु शामिल हैं. मंत्रालय की तरफ से बताया गया कि रेलवे भी कोरोना से निपटने की तैयारियों में जुटा है. संयुक्त सचिव ने बताया,

“रेलवे ने अब तक कुल 80 हजार आइसोलेशन बेड बनाए हैं. रेलवे अपने 5 हजार कोच को आइसोलेशन वॉर्ड में बदल रहा है. जिनमें से 3 हजार 250 कोच कन्वर्ट हो चुके हैं. इसके अलावा फूड कॉर्पोरेशन इंडिया की तरफ से एनजीओ को डायरेक्ट सेल की जाएगी. जिससे गरीबों की मदद की जा सके.”
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मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि, कई केंद्रीय मंत्रियों की बैठक में हॉस्पिटल बनाने को लेकर चर्चा हुई. साथ ही पीपीई, वेंटिलेटर और एन-95 मास्क पर भी चर्चा हुई. इसके लिए राज्यों को भी कुछ निर्देश दिए गए हैं.

पीपीई को लेकर फैल रहा डर

पीपीई किट को लेकर उठने वाले सवालों के जवाब में बताया गया कि, पीपीई की जहां जरूरत है वहां उसे पहुंचाया जा रहा है. देश में पिछले दो महीने की मेहनत के बाद सप्लाई पूरी तरह से ठीक हो चुकी है. अभी 20 कंपनियां इसके प्रोडक्शन में जुटी हैं. 1.70 करोड़ पीपीई का ऑर्डर दिया गया है. सचिव ने पीपीई को लेकर कई तरह की अफवाहों पर कहा,

“पीपीई के बारे में अफवाहें और डर की जरूरत नहीं है. लेकिन जरूरी नहीं है कि इसे हर वक्त इस्तेमाल किया जाए. क्योंकि हम चार एन-95 मास्क को एक दिन में इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं. हमें ये समझने की जरूरत है. इसके लिए अलग से गाइडलाइन तैयार की गई हैं.”

संयुक्त सचिव ने कहा कि, इस वक्त फेक न्यूज पर भरोसा न करें. अगर किसी को कोई भी जानकारी चाहिए तो वो सरकार के हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके ले सकता है. इसके अलावा हाइड्रोसीलक्लोरोक्वीन को लेकर भी सतर्क रहने की बात कही गई. मंत्रालय की तरफ से बताया गया कि इसे बिना किसी डॉक्टर की सलाह के इस्तेमाल न करें. ये कुछ लोगों के लिए हानिकारक भी हो सकती है.

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