कोरोनावायरस की चपेट में आए चीन से भारतीय नागरिकों को बार निकालने की कोशिश में चीन अड़ंगा डाल रहा है. चीन में बचे हुए भारतीय नागरिकों को स्वदेश वापस लाने के लिए भारत वायु सेना के सबसे विमान C-17 ग्लोबमास्टर को भेजना चाहता है. लेकिन चीन इसके लिए जरूरी क्लीयरेंस देने में देरी कर रहा है.
एनडीटीवी में एक सूत्र के हवाले से इन बातों का खुलासा हुआ है.
दूसरे देशों से भी राहत और निकासी का काम चल रहा है. इसमें फ्रांस जैसे देश भी शामिल हैं. आखिर चीन की सरकार हमारे राहत विमान के लिए अनुमति देने में देर क्यों कर रही है? क्या वो हमारी मदद लेना नहीं चाहते? आखिर वो वुहान से भारतीय नागरिकों की निकासी में अडंगा क्यों लगा रहे हैं, जिसके चलते उन्हें मानसिक तनाव से गुजरना पड़ रहा है.एनडीटीवी से बातचीत में एक आधिकारिक सूत्र
बता दें 17 फरवरी को भारत ने वायुसेना के सबसे बड़े विमान ग्लोबमास्टर-17 को स्वास्थ्य सुविधाओं के साछ वुहान भेजने का ऐलान किया था. ताकि वहां फंसे भारतीयों को वापस लाया जा सके. इससे पहले भारत दो फ्लाइट में अपने 647 और मालदीव के 7 नागरिकों को वापस निकाल चुका है. इन लोगों को निगरानी के लिए एनसीआर में आईटीबीपी के एक कैंप में रखा गया था.
चीन में अब तक कोरोनावायरस के चलते 2,345 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं 76,288 लोगों को यह संक्रमण अभी तक चपेट में ले चुका है. कोरोनावायरस का केंद्र चीन का हुबेई प्रांत है, यहां का वुहान शहर कोरोनावायरस की सबसे ज्यादा चपेट में है.
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