कोरोनावायरस संक्रमण के खतरे के बीच चीन में रह रहे ज्यादातर भारतीय छात्र और अन्य नागरिक जल्द ही भारत लौटेंगे. भारत सरकार ने चीन से आने वाले करीब 600 छात्रों और अन्य भारतीयों को फिलहाल कम से कम दो हफ्ते तक बाकी लोगों से अलग रखने का फैसला किया है. सरकार के इस फैसले के तहत चीन से लौट रहे सभी भारतीयों को पश्चिमी दिल्ली स्थित भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की एक बिल्डिंग में रखा जाएगा.
कोरोनावायरस का सबसे अधिक संक्रमण चीन के वुहान प्रांत में है. वुहान से कोरोनावायरस का यह संक्रमण अब चीन के 30 अलग-अलग राज्यों में फैल चुका है. वुहान प्रांत में ही अधिकतर भारतीय छात्र और अन्य नागरिक फंसे हुए हैं.
भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने इस संबंध में चीन की सरकार से संपर्क किया है. चीन और भारत की सरकारों के बीच आपसी बातचीत के बाद अब यह सभी छात्र और अन्य नागरिक स्वदेश लौट रहे हैं. आइटीबीपी की बिल्डिंग में ले जाने से पहले चीन से आने वाले सभी भारतीयों की गहन जांच की जाएगी, जिसमें थर्मल स्क्रीनिंग भी शामिल है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘चीन से आ रहे करीब 600 भारतीय नागरिकों को आईटीबीपी के बाहरी दिल्ली स्थित छावला कैंप में ठहराया जाएंगा. चीन के वुहान प्रांत से आने वाले छात्र और अन्य भारतीयों को दो हफ्ते तक यहां रखने की व्यवस्था की गई है. इस दौरान चीन से आए ये सभी लोग अपने परिवार समेत किसी भी अन्य व्यक्ति से नहीं मिलेंगे.’
अलग रखने के पीछे वजह
विशेषज्ञों के मुताबिक ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि चीन से आए किसी भी भारतीय नागरिक के शरीर में संक्रमण का कोई वायरस मौजूद रहा तो इन दो हफ्तों के दौरान उस वायरस की पहचान, रोकथाम और उपचार किया जा सकेगा.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, 'चीन के वुहान राज्य में ही 500 से अधिक भारतीय हैं. चीन की सरकार ने सभी भारतीयों को सुरक्षित और एकांत स्थान पर रखा है. हमारा विदेश मंत्रालय भारतीय नागरिकों के विषय पर चीन की सरकार के संपर्क में है और जल्द ही भारत लौटने के इच्छुक सभी नागरिकों को स्वदेस लाया जाएगा.'
‘चीन से भारत लाए जाने के बाद इन सभी लोगों को 14 दिन के लिए अलग रखा जाएगा. ऐसा इसलिए किया जाएगा ताकि अगर चीन से आए इन भारतीयों में से किसी में भी कोरोना का वायरस हुआ तो इन 14 दिन में उसकी जानकारी और रोकथाम हो जाएगी.’डॉक्टर हर्षवर्धन, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री
हालांकि, डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि चीन में रह रहे इन भारतीयों में से कोई भी व्यक्ति अभी कोरोनावायरस से ग्रसित नहीं है. उन्होंने कहा कि कोरोनावायरस की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य, नागरिक उड्डयन, गृह और शिपिंग समेत कई मंत्रालय मिलकर एक संयुक्त टीम के रूप में काम कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, 'जिस प्रकार 2014 में इबोला वायरस को सतर्कता के चलते भारत में दाखिल नहीं होने दिया गया था, उसी प्रकार कोरोना वायरस को भी भारत से बाहर रखने का पूरा प्रयास किया जाएगा.'
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