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कोरोनावायरस: गोमूत्र पार्टी, ताबीज से ‘इलाज’, कब सुधरेंगे ये लोग?

अपना देश और पूरी दुनिया एक बड़ी महामारी की जद में है.कोरोनावायरस से साढ़े 6 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं

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वीडियो एडिटर: मोहम्मद इब्राहिम

अपना देश और पूरी दुनिया एक बड़ी महामारी की जद में है.कोरोनावायरस से साढ़े 6 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं.भारत में 110 से ज्यादा लोग संक्रमित हैं.अब हालात ये है कि देशभर के स्कूल-कॉलेज 31 मार्च तक बंद कर दिए गए हैं.टूरिस्ट प्लेस, सिद्धिविनायक मंदिर जैसे बहुत सारे धार्मिक जगहों और पब्लिक प्लेस को भी बंद कर दिया गया है.सबसे बुरी बात ये है कि हमें नहीं पता कि ये कबतक चलेगा.ऐसे हालात कबतक बने रहेंगे.एक तरफ दुनियाभर के डॉक्टर वैक्सीन बनाने में जुटे हैं.दूसरी तरफ कुछ नेता और कुछ ऐसे अटपटे लोग अपने देश में हैं, जो कोरोनावायरस का नाम ले लेकर कुछ भी बोल रहे हैं, कुछ भी कर रहे हैं.कहीं कुछ संगठन वाले गो-मूत्र पार्टी कर रहे हैं तो कहीं एक सांसद गो कोरोना गो के नारे लगवा रहे हैं.एक शख्स तो 11 रुपये में कोरोना भगाने का ताबीज बेचने लगा.

WhatsApp फॉरवर्ड और रिसीव वाली स्थिति से बचें

यहां सोचने वाली बात ये है फिलहाल ऐसा दौर है कि देश की एक बड़ी आबादी है, जो Whatapp फॉरवर्ड पर भरोसा करने लगी है.अब जब ऐसे लोगों के पास ताबीज वाले बेतुके इलाज, गोमूत्र वाला ज्ञान पहुंचता है तो उनमें से कई लोग इस पर भरोसा करने लगते हैं.आप सोच नहीं सकते कि कभी-कभी जो आप मजाक में मैसेज फॉरवर्ड कर देते हैं न .उसे भी लोग सच मान लेते हैं.इसलिए हमें आपको और सबको ये Whatsapp फॉरवर्ड वाली स्थिति से बचना चाहिए और जब देश ऐसी महामारी से लड़ रहा है तब तो ये बेहद जरूरी है.

गो-मूत्र पार्टी से ठीक होगी कोरोनावायरस बीमारी?

हिंदू महासभा ने हाल ही गो-मूत्र पार्टी का आयोजन किया था. इसके लिए पूरी प्लानिंग थी , पहले पोस्टर लगाए कि इस तारीफ को पार्टी है फिर कई लोगों ने एक साथ गोमूत्र पीया तर्क ये था कि इससे कोरोनावायरस से निपटा जा सकता है. चक्रपाणि कहते हैं कि गौमूत्र और गोबर के सेवन से कोरोनावायरस खत्म हो सकता है.

कुछ ऐसा ही दावा असम की बीजेपी विधायक सुमन हरिप्रिया भी करती दिखीं थीं.लेकिन इन स्वघोषित डॉक्टरों के अलावा जब हमने डॉक्टरों से बात की तो ये साफ दिखता है कि ऐसी बात आधारहीन हैं मनगढ़ंत हैं.

‘’गाय का गोबर हो या गोमूत्र, ये एक जानवर (स्तनधारी) के शरीर से बाहर निकाला जाता है. इसका कोई वैज्ञानिक अध्ययन या सबूत नहीं हैं कि गोमूत्र या गोबर में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं. इसलिए हम नहीं कह सकते हैं गोबर या गोमूत्र से कोरोनावायरस सहित किसी भी इंफेक्शन से निपटने में मदद मिल सकती है. इस तरह की टिप्पणियां अवैज्ञानिक और तर्कहीन हैं.’’
- डॉ सुमित रे, मेडिकल सर्विसेज चीफ और चेयरपर्सन, आर्टेमिस हॉस्पिटल
‘’आयुर्वेदिक ग्रंथों में गोमूत्र समेत आठ जानवरों के मूत्र का जिक्र जरूर है. लेकिन कोरोनावायरस के प्रकोप के मामले में ये उपयोगी होगा ये कहना बेहद मुश्किल है क्योंकि कोविड-19 नई बीमारी है और इस बीमारी के बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं है.’’
- डॉ पूजा कोहली, वाइस प्रेसिडेंट, आयुर्वेद ग्रोथ, निरोगस्ट्रीट

'कोरोना-गो, कोरोना-गो'

गोमूत्र की बात कर ली हमने.अब सरकार जो है अपनी वो पूरी मुस्तैदी से इस बीमारी के खिलाफ लड़ रही है.हर इंतजाम किए जा रहे हैं.लेकिन एक केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले हैं जो 'गो कोरोना गो' जप रहे हैं. उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया जिसमें वो 'गो कोरोना, गो कोरोना' के नारे लगा रहे हैं. उन्होंने मुंबई में चीन के काउंसल जनरल Tके साथ गेटवे ऑफ इंडिया के सामने ये नारे लगाए और लगवाएं.अब इससे क्या होगा.आप बताइए.

फिल्म डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री हैं हर सियासी मुद्दे में जरूर कुछ न कुछ ट्वीट कर देते हैं.कोरोनावायरस पर भी उन्हें कुछ न कुछ तो ज्ञान देना ही था ऐसे में उन्होंने इलाज बताते हुए ट्विटर पर लिखा कि हल्दी और नींबू बड़ा काम आएगा. और हां, रसम भी बड़ा फायदेमंद हैं, जिसके बाद उनकी सोशल मीडिया पर भी खूब किरकिरी हुई थी.

इस बीच यूपी पुलिस ने भी एक फर्जी बाबा गिरफ्तार किया है.ये बाबा कोरोनावायरस को ठीक करने का दावा करते हुए 11 रुपये में ताबीज बेच रहा था. फर्जी बाबा अहमद सिद्दिकी ने अपनी डालीगंज स्थित अपनी दुकान के बाहर एक बोर्ड लगा रखा था, जिसपर इस जानलेवा वायरस को ठीक करने का दावा किया गया था. इस बोर्ड पर लिखा हुआ था कि जो लोग मास्क नहीं पहन सकते, वे ये ताबीज पहनकर कोरोना को दूर रख सकते हैं.

इसका भी धार्मिक एंगल ले आए भाई

बात-बात पर सियासत करने वाले कुछ नेता कोरोनावायरस में धार्मिक एंगल ले आए. दिल्ली से बीजेपी सांसद हैं रमेश बिधूड़ी, जिनका स्वघोषित, स्वप्रचारित दावा है कि नमस्कार करने से कोरोना नहीं फैलता है, लेकिन अगर कोई आदाब करता है तो उसमें संक्रमण का खतरा बन जाता है.

मुश्किल दौर है.अब ऐसे में हर पब्लिक पर्सनालिटी से उम्मीद ये है कि भ्रामक खबरें न फैलाएं न फैलने दे. और हम सबको ये प्रैक्टिस में लाना चाहिए कि Whatsapp पर आई हर खबर का भरोसा नहीं करेंगे.क्रेडिबल सोर्सेज पर ही भरोसा करेंगे.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

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