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लॉकडाउन उल्लंघन ही नहीं, इन चीजों के लिए भी मिल सकती है सजा

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भारत
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24 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐलान किया कि कोरोनावायरस से निपटने के लिए पूरा देश 21 दिनों तक लॉकडाउन रहेगा.

आपदा प्रबंधन कानून 2005 के तहत लॉकडाउन को लागू किया गया.

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने केंद्र और राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकारों को भारत में कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए कारगर कदम उठाने के आदेश दिए हैं.

इस आदेश के तहत NDMA ने केंद्र/राज्य/केंद्र शासित प्रदेश की सरकारों को दिशा-निर्देश जारी कर सख्ती से इसका पालन करने को कहा है. गाइडलाइंस में लॉकडाउन के उल्लंघन पर सजा की भी लिस्ट दी गई है- आपदा प्रबंधन कानून के तहत कोरोना वायरस के बारे में फेक न्यूज फैलाना पर भी सजा का प्रावधान है.

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आपदा प्रबंधन कानून के तहत अपराध और सजा

आपदा प्रबंधन कानून की धारा 51-60 में अपराध और सजा की पूरी व्याख्या मौजूद है, जो कि लॉकडाउन के उल्लंघन पर भी लागू होगा.

काम में बाधा डालना (धारा 51)

अगर आप किसी सरकारी कर्मचारी की ड्यूटी में अवरोध पैदा करते हैं, या केंद्र/राज्य सरकारें या NDMA के दिशा-निर्देशों को मानने से इनकार करते हैं.

यानी ना तो आप कोई जरूरी सामान खरीदने निकले ना ही किसी को ऐसी कोई वस्तु मुहैया कराने निकले. यहां तक कि किसी तरह का पूजा पाठ या कोई कार्यक्रम आयोजित करने के लिए भी घर से बाहर निकलना इस कानून के तहत अपराध माना जाएगा.

सजा: एक साल तक जेल + जुर्माना. अगर आपकी हरकत की वजह से किसी की जान चली जाती है, तो दो साल तक जेल + जुर्माना.

झूठा डर फैलाना (धारा 54)

अगर आप आपदा को लेकर मनगढ़ंत डर फैलाते हैं या लोगों को आपदा की तीव्रता को लेकर झूठी चेतावनी देते हैं और इससे भय का वातावरण पैदा होता है.

सजा: एक साल तक जेल या जुर्माना.

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मुआवजे का झूठा दावा (धारा 52)

अगर आप (सोशल मीडिया, लोगों के बीच या लिखित तौर पर) जानबूझकर ऐसा झूठा दावा करते हैं जिससे आपको केंद्र/राज्य सरकारों या NDMA से किसी तरह की राहत, मदद, मरम्मत या दूसरा कोई फायदा मिले.

सजा: दो साल तक की जेल + जुर्माना.

पैसे/सामग्री का दुरुपयोग (धारा 53)

अगर आप राहत के प्रयासों के लिए दिए गए पैसे या सामग्री का अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करते हैं या इसकी कालाबाजारी करते हैं.

सजा: दो साल तक की जेल + जुर्माना.

ड्यूटी नहीं करने वाले अधिकारियों के लिए (धारा 56)

अगर कोई सरकारी अधिकारी लॉकडाउन से संबंधित किसी निर्देश का पालन करने से मना करता है या बिना इजाजत के अपनी जिम्मेदारी वापस लेता है.

सजा: एक साल तक की जेल या जुर्माना.

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अधिग्रहण से जुड़े आदेश की अवहेलना (धारा 57)

आपदा प्रबंधन कानून के तहत NDMA को अधिकार है कि वो आपदा के हालात से निपटने के लिए किसी तरह के संसाधन, गाड़ी या मकान की मांग करे. अगर आप अधिग्रहण के ऐसे किसी आदेश की अवहेलना करते हैं, तो इसे अपराध माना जाएगा.

सजा: एक साल तक जेल + जुर्माना.

अगर कोई सरकारी विभाग या कंपनियां ऐसे किसी अपराध के मामले में शामिल होती हैं तो उनके लिए खास प्रावधान हैं

IPC की धारा 188

लॉकडाउन के उल्लंघन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत भी सजा मिलेगी. जिसमें किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सरकारी अधिकारी का आदेश मानने से इनकार करने पर सजा या उसकी संपत्ति पर कार्रवाई का प्रावधान है.

सजा:

  • एक महीने तक जेल + 200 रुपये का जुर्माना
  • अगर आज्ञा की अवहेलना से किसी इंसान की जिंदगी, सेहत या उसकी सुरक्षा खतरे में पड़ती है तो 6 महीने तक जेल + 1000 रुपये का जुर्माना.

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