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FAQ:रेड, ऑरेंज, ग्रीन जोन क्या हैं?किस जोन में बढ़ सकता है लॉकडाउन?

कैसे पता चलेगा कि आप किस जोन का हिस्सा हैं?

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पीएम नरेंद्र मोदी ने 27 अप्रैल को मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत में कोरोना वायरस की वजह से लागू हुए लॉकडाउन को रेड और ऑरेंज जोन में 3 मई से आगे बढ़ाने के संकेत दिए.

प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के एक बयान के मुताबिक, पीएम मोदी ने कहा कि COVID-19 का खतरा अभी खत्म नहीं हुआ है और 'लगातार निगरानी' रखने की बहुत जरूरत है. पीएम ने मुख्यमंत्रियों से कहा कि राज्यों की कोशिश ये होनी चाहिए कि रेड जोन ऑरेंज में बदले जाएं और फिर ग्रीन जोन में.

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लेकिन ये जोन असल में हैं क्या? कैसे पता चलेगा कि आप किस जोन का हिस्सा हैं? कोरोना वायरस से लड़ाई में इन जोन के बारे में सब कुछ यहां जानिए.

रेड जोन क्या हैं? क्या यही ‘हॉटस्पॉट्स’ हैं?

रेड जोन वो इलाके हैं, जहां कोरोना वायरस महामारी ज्यादा फैली हुई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन के मुताबिक इन जगहों और जिलों को खासतौर पर 'हॉटस्पॉट्स' कहा जाता है.

एक जिले को 'हॉटस्पॉट' तब कहा जाता है, जब:

  • भारत के कुल मामलों में उस जिले के 80% से ज्यादा मामले हों, या
  • हर राज्य के कुल मामलों में उस जिले के 80% से ज्यादा मामले हों, या
  • जिन जिलों में डबलिंग रेट चार दिन से कम हो

दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे भारत के मुख्य शहर रेड जोन हैं.

किन इलाकों को ऑरेंज जोन कहा जाता है?

जिन इलाकों या जिलों में कोरोना वायरस के सीमित मामले हैं और इन मामलों में हाल ही में बढ़ोतरी नहीं दिखी है, उन्हें ऑरेंज जोन में रखा जाता है.

अगर किसी हॉटस्पॉट जिले में 14 दिन तक कोई नया मामला सामने नहीं आता है, तो वो ऑरेंज जोन में बदल जाता है.

कब एक जिला रेड से ग्रीन जोन में बदलता है?

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, अगर एक हॉटस्पॉट जिले में 28 दिन तक कोई पॉजिटिव मामला सामने नहीं आता है, तो वो ग्रीन जोन में बदल जाता है.

उदाहरण के लिए अगर मुंबई में 14 दिन तक कोई नया केस नहीं मिलता है तो वो ऑरेंज जोन में चला जाएगा. फिर अगर अगले 14 दिन कोई नया केस नहीं मिलता है तो वो ग्रीन जोन में चला जाएगा.

मेरा इलाका किस जोन का हिस्सा है, कैसे पता चलेगा?

रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन की लिस्ट केंद्र सरकार ने आखिरी बार 17 अप्रैल को जारी की थी. हालांकि अपने इलाके के बारे में पता करने के लिए राज्य सरकार की लिस्ट ज्यादा उपयोगी साबित होगी.

हर हफ्ते, डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट अपने अधिकार-क्षेत्र में आने वाले इलाकों और जोन की लिस्ट जारी करते हैं.  

उदाहरण के लिए, पूरी दिल्ली रेड जोन में आती है, लेकिन शहर कई जोन में बंटा हुआ है. 28 अप्रैल तक दिल्ली में 99 कन्टेनमेंट जोन हैं.

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