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18-44 की पूरी आबादी को सिंगल डोज वैक्सीन देने में लगेंगे 4 साल?

भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते केसों के बीच, वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार चिंता का विषय बनती जा रही है.

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भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते केसों के बीच, वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार चिंता का विषय बनती जा रही है. हेल्थ और फ्रंटलाइन वर्कर्स, 60 और 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के बाद, सरकार ने 1 मई से 18 से 44 आयु वर्ग के लोगों के टीकाकरण को मंजूरी दे दी. 12 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक देशभर में इस ग्रुप के केवल 35 लाख लोगों को ही वैक्सीन लगी है.

देश में 18 से 44 साल के लोगों की आबादी है करीब 45 करोड़. अगर देश में वैक्सीनेशन की रफ्तार ऐसी ही रही, तो 45 करोड़ लोगों को वैक्सीन देने में सवा चार साल लग जाएंगे.
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इसे इस तरह समझिए. 12 दिन में 35 लाख लोगों को वैक्सीन, यानी एक दिन में करीब 2.91 लाख डोज दिए गए. इस हिसाब से अगर औसत निकाला जाए तो एक साल में करीब 10 करोड़ डोज दिए जाएंगे. मतलब 45 करोड़ लोगों को वैक्सीन देने में 4 साल से ऊपर का वक्त लग सकता है. और यहां बता दें कि ये सिर्फ एक डोज की बात हो रही है.

वैक्सीनेशन में देरी का सबसे बड़ा कारण राज्यों के पास वैक्सीन की कमी है. कई राज्य पहले से ही कह रहे हैं कि पर्याप्त वैक्सीन नहीं है, वहीं, 18-44 आयु वर्ग को भी अनुमति मिलने के बाद ये संकट और बढ़ गया है. राज्य सरकारों की शिकायतों के अलावा, सोशल मीडिया पर भी स्लॉट को लेकर बातें देखी जा सकती हैं.

देश में 1 मई से 12 मई के बीच, 18-44 आयु वर्ग के 34.66 लाख लोगों को वैक्सीन लगी है. द इंडियन एक्सप्रेस के एनालिसिस के मुताबिक, इस कुल वैक्सीनेशन का 85% केवल सात राज्यों में हुआ है. ये राज्य हैं:

भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते केसों के बीच, वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार चिंता का विषय बनती जा रही है.
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वहीं, देश के दूसरे राज्य, जहां कोरोना वायरस के एक्टिव केस 1 लाख से ज्यादा हैं, और हालात चिंताजनक हैं, वहां इस आयु वर्ग के केवल 5.86% लोगों की ही वैक्सीन लगी है.

कर्नाटक में इस समय सबसे ज्यादा एक्टिव केस हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, कर्नाटक में 18-44 आयु वर्ग में वैक्सीन की केवल 74,015 डोज दी गई हैं. वहीं, एक्टिव केस लोड के मामले में तीसरे नंबर पर केरल में वैक्सीन के केवल 771 डोज दिए गए हैं. आंध्र प्रदेश में वैक्सीन के 1,133 डोज, तमिलनाडु में 22,326 डोज, पश्चिम बंगाल में 12,751 डोज और छत्तीसगढ़ में केवल 1,026 डोज दिए गए हैं.

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भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते केसों के बीच, वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार चिंता का विषय बनती जा रही है.

रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र ने हेल्थ और फ्रंटलाइन वर्कर्स और 45+ के लोगों का टीकाकरण करने के लिए राज्यों को अपनी खुराक का 50% वितरित करते हुए, संक्रमण (एक्टिव मामलों की संख्या) को तीन मानदंडों में से एक रखा. वहीं, दूसरे पैमाने, परफॉर्मेंस (औसत कंजप्शन और परफॉर्मेंस की स्पीड) और बर्बादी है. लेकिन सरकार का ये पैमाना 18-44 आयु वर्ग के लिए वैक्सीन वितरण करने में नहीं दिख रहा है.

वैक्सीन की बर्बादी के मामले में केरल का प्रदर्शन सबसे बेहतर है, लेकिन ये राज्य 18-44 आयु वर्ग को अब तक केवल 771 डोज दे पाया है.

अभी तक केंद्र सरकार, राज्य सरकारों को वैक्सीन आंवटित करती आ रही थी, लेकिन अब 18-44 आयु वर्ग के लिए राज्य सरकारों को वैक्सीन सीधा मार्केट से ही खरीदनी होगी. देश में तैयार हो रही दो वैक्सीन- कोविशील्ड और कोवैक्सीन ने राज्य सरकारों के लिए अपने दाम भी तय कर दिए हैं.
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वैक्सीन की कमी के चलते कई राज्यों में रोक

महाराष्ट्र सरकार ने वैक्सीन की कमी के चलते 18+ के टीकाकरण पर रोक लगा दी है. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि 18-44 आयु वर्ग के लिए मौजूद वैक्सीन को 45+ लोगों के लिए दूसरी खुराक के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा. टोपे ने कहा कि 45+ की दूसरी खुराक अभी सरकार के लिए प्राथमिकता है.

आंध्र प्रदेश सरकार ने भी पहले दूसरी खुराक का इंतजार कर रहे लोगों को वैक्सीन देने का तय किया है. द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुकाबिक, वैक्सीन की कमी के चलते राज्य में 18-44 ग्रुप के वैक्सीन को रोकना पड़ा है.

6 मई की द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, तेलंगाना में वैक्सीन की कमी के चलते 18-44 आयु वर्ग का वैक्सीनेशन रोका गया, वहीं 45+ वालों का टीकाकरण चलता रहेगा.

भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते केसों के बीच, वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार चिंता का विषय बनती जा रही है.
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देश में आएंगे 200 करोड़ डोज

13 मई को स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ्रेंस में, नीति आयोग की स्वास्थ्य समिति के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा कि देश में अगले कुछ महीनों में करीब 200 करोड़ वैक्सीन आएंगी. लेकिन ये सिर्फ उम्मीद है. गारंटी नहीं.

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