'अनलॉक 4' की गाइडलाइन्स में 21 सितंबर से स्कूलों को आंशिक रूप से क्लास 9-12 के छात्रों के लिए खोलने की इजाजत दी गई थी. इस संबंध में केंद्र सरकार ने गाइडलाइन भी जारी की हैं और आखिरी फैसला राज्य सरकारों पर छोड़ दिया है.
करीब सात महीनों बाद छात्रों के वापस स्कूल लौटने के लिए अभिभावकों की लिखित अनुमति की जरूरत होगी. इसके अलावा स्कूलों को सैनिटाइजेशन पर ध्यान देना होगा.
तो किन राज्यों ने स्कूलों को खोलने की इजाजत दी है? अगर कोई छात्र स्कूल नहीं जाना चाहता तो क्या होगा? सब यहां समझिए.
21 सितंबर से किन राज्यों में स्कूल खुलने जा रहे हैं?
- हरियाणा
- पंजाब
- चंडीगढ़
- झारखंड
- बिहार
- मध्य प्रदेश
- आंध्र प्रदेश
- असम
- कर्नाटक
- राजस्थान
क्या बाकी राज्यों ने स्कूल खोलने से मना कर दिया है?
इन राज्यों ने कहा है कि उनके स्कूल सितंबर के अंत तक बंद रहेंगे:
- महाराष्ट्र
- तमिलनाडु
- गुजरात
- पश्चिम बंगाल
- उत्तराखंड
- केरल
- गोवा
- दिल्ली
कुछ राज्यों ने स्कूलों को खोलने पर अभी फैसला नहीं किया है. ये राज्य हैं:
- तेलंगाना
- उत्तर प्रदेश
- राजस्थान
क्या 21 सितंबर से स्कूल जाना अनिवार्य है?
नहीं, क्लास 9-12 के छात्र टीचर से गाइडेंस लेने के लिए वॉलंटरी आधार पर स्कूल जा सकते हैं. इसके लिए माता-पिता की लिखित अनुमति चाहिए होगी.
क्या स्कूल खुलने के बाद रेगुलर आठ-घंटे की क्लास करेंगे?
रेगुलर क्लासेज के लिए स्कूल, कॉलेज, शिक्षण संस्थान 30 सितंबर तक बंद हैं.
क्या इसका मतलब है कि ऑनलाइन क्लासेज बंद हो जाएंगी?
नहीं, छात्रों और टीचरों के बीच की ये मुलाकात वॉलंटरी आधार पर हैं, तो बाकी छात्रों के लिए ऑनलाइन क्लासेज चलती रहेंगी.
मैं कंटेनमेंट जोन में रहता हूं. क्या मैं स्कूल जा सकता हूं?
नहीं, कंटेनमेंट जोन में रहने वाले छात्र स्कूल नहीं जा सकते.
कंटेनमेंट जोन में मौजूद स्कूल भी नहीं खुलेंगे.
स्कूल परिसर में किन गतिविधियों की इजाजत रहेगी?
- अगर मौसम ठीक है तो टीचर और छात्र बाहर भी पढ़ाई कर सकते हैं.
- सब एयर कंडीशन डिवाइस 24-30 डिग्री सेल्सियस की रेंज में होने चाहिए.
- असेंबली, स्पोर्ट्स या ऐसी कोई गतिविधि जिससे भीड़ लगे, सख्त रूप से प्रतिबंधित है.
- स्विमिंग पूल बंद रहेंगे.
- कैफेटेरिया, मेस भी बंद रहेंगी.
क्लासरूम में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कैसे होगा?
- छात्रों और टीचरों के बीच हमेशा 6 फीट की दूरी होनी चाहिए.
- सीटिंग अरेंजमेंट ऐसा होना चाहिए कि छात्रों के बीच उचित दूरी रहे.
- बच्चों को अलग-अलग टाइम स्लॉट में बुलाया जाए ताकि भीड़ न हो.
- सभी छात्रों और टीचरों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य है.
स्कूलों में किन बातों का ध्यान रखना होगा?
- गतिविधियां शुरू करने से पहले लैब, क्लासरूम जैसी सभी जगहों को सैनिटाइज करना होगा.
- जो स्कूल क्वॉरंटीन सेंटर के तौर पर इस्तेमाल हो रहे थे, उनका सैनिटाइजेशन और भी अच्छे से करना होगा.
- अटेंडेंस का इंतजाम बायोमेट्रिक की बजाय कॉन्टैक्टलेस करना होगा.
- स्कूल मैनेजमेंट टीचरों और कर्मचारियों के लिए पर्याप्त मात्रा में फेस मास्क, हैंड सैनिटाइजर जैसी चीजें रखे.
- थर्मल गन, डिस्पोजेबल पेपर टॉवल, अल्कोहल वाइप्स जैसे सामान का स्टॉक रखा जाए.
- किसी लक्षण वाले शख्स का ऑक्सीजन लेवल मापने के लिए पल्स ऑक्सीमीटर स्कूलों में रखा जाए.
- स्कूलों के एंट्रेंस पर हाथ सैनिटाइज करने और थर्मल स्क्रीनिंग की सुविधा जरूर हो.
- सिर्फ बिना लक्षण वाले टीचर, कर्मचारी और छात्र ही स्कूल में अंदर जा सकते हैं.
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