आईएएनएस सी-वोटर इकोनॉमिक बैटरी वेव सर्वे से ये सामने आया है कि ज्यादातार जवाब देने वालों का मानना है कि लॉकडाउन हटने के बाद सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी. हालांकि, वे अभी भी कोविड-19 संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए एहतियाती नियमों का पालन करेंगे.
55.6% का मानना है कि सामान्य हालात लौट आएंगे
सर्वे के अनुसार, कई श्रेणियों में 55.6 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि लॉकडाउन हटने के बाद सामान्य हालात लौट आएंगे. ये प्रतिक्रियाएं इस सवाल पर थीं कि क्या उन्हें लगता है कि "लॉकडाउन हटने के बाद जनजीवन सामान्य हो जाएगा."
उत्तरदाताओं में से 44.4 प्रतिशत लोग या तो तय नहीं कर पाए या उनका मानना रहा कि चीजों को सामान्य होने में कुछ महीने लगेंगे. अन्य के बीच उम्र, लिंग, आय, शिक्षा और स्थान के आधार पर विभिन्न समूहों के 25.2 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि लॉकडाउन हटने के बाद सब कुछ सामान्य हो जाएगा, जबकि 30.4 प्रतिशत ने यही बात कही, लेकिन साथ में यह भी कहा कि वे सावधानियों का पालन करेंगे.
36.6% का मानना है कि नॉर्मल होने में वक्त लगेगा
कुल 36.6 फीसदी लोगों ने कहा कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी जनजीवन सामान्य होने में कुछ महीने लगेंगे, जबकि 7.9 प्रतिशत अनिश्चित थे. शहरी क्षेत्रों में, 51.8 प्रतिशत उत्तरदाता सामान्य सावधानी बरतने के बारे में आशावादी थे, जबकि 48.2 प्रतिशत अनिश्चित थे या सहमत नहीं थे.
खास तौर से, अर्ध-शहरी और ग्रामीण उत्तरदाताओं के बहुमत का मानना का था कि लॉकडाउन हटने के बाद सामान्य स्थिति सावधानियों के साथ बहाल होगी. आंकड़ों के मुताबिक, अर्ध-शहरी क्षेत्रों के 56.1 प्रतिशत और शहरी केंद्रों के 56.5 प्रतिशत लोगों ने इस विकल्प का विकल्प को चुना.
इस बीच, अधिकांश उत्तरदाताओं ने तब ना में जवाब दिया, जब पूछा गया कि क्या उनके परिवार या आसपास का कोई व्यक्ति कोविड-19 से संक्रमित है. विभिन्न श्रेणियों में से 91.1 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने उत्तर दिया कि उनके परिवार या आसपास का कोई भी संक्रमित नहीं हुआ, जबकि केवल 8.9 प्रतिशत ने कहा कि ऐसे मामले सामने आए हैं.
आंकड़ों के अनुसार, शहरी क्षेत्रों से 84.7 प्रतिशत उत्तरदाताओं, अर्ध-शहरी क्षेत्रों से 88.2 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्रों से 94.7 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उनके परिवार या आसपड़ोस में कोई भी खतरनाक वायरस से संक्रमित नहीं हुआ है.
(इनपुट: IANS)
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