भारत अब नोवेल कोरोना वायरस महामारी का बड़ा गढ़ बनता जा रहा है. यहां लगभग हर रोज इस वायरस से संक्रमण के रिकॉर्ड मामले सामने आ रहे हैं.
इस बीच भारत की बड़ी आबादी का भी जिक्र हो रहा है. हालांकि, ऐसा भी नहीं कहा जा सकता कि भारत की बड़ी आबादी की वजह से ही यहां ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं, क्योंकि जब यह उदाहरण दिया जाता है तो चीन की स्थिति इसे साफ खारिज करती दिखती है.
दरअसल भारत से ज्यादा आबादी वाले देश चीन में ही सबसे पहले नोवेल कोरोना वायरस के मामले सामने आए थे. जहां चीन में अब तक COVID-19 के करीब 87700 कन्फर्म्ड केस सामने आए हैं, वहीं भारत में यह आंकड़ा 17 लाख के करीब पहुंच चुका है.
COVID-19 के कुल कन्फर्म्ड केस के हिसाब से दुनिया में महज दो देश - अमेरिका और ब्राजील - ही भारत से आगे हैं. जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के मुताबिक, अमेरिका में COVID-19 के कुल कन्फर्म्ड केस का आंकड़ा 45 लाख के पार जा चुका है, वहीं ब्राजील में यह आंकड़ा 26 लाख को पार कर चुका है.
भारत में कोरोना वायरस के मामलों के तेजी से बढ़ने की कई वजहें हो सकती हैं. मगर एक बड़ी वजह यह भी दिखती है कि अब यहां अनलॉक के तहत काफी गतिविधियां बहाल हो रही हैं, ऐसे में लोग अगर इस वायरस से बचाव के मामले में ढील देते हैं तो भविष्य में स्थिति और भी चुनौतीपूर्ण हो सकती है.
यहां एक बात यह भी ध्यान में रखनी जरूरी है कि भारत जैसे देश, जो आर्थिक मोर्चे पर भी संघर्ष कर रहे हैं, वो लंबे समय तक गतिविधियां बंद भी नहीं रख सकते.
क्या बयां कर रही मौजूदा स्थिति?
भारत में COVID-19 के पिछले 10 दिनों के आंकड़े देखें तो हर रोज 45,000 से ज्यादा कन्फर्म्ड केस सामने आए हैं. 3 दिन से लगातार हर रोज 50,000 से ज्यादा कन्फर्म्ड केस सामने आ रहे हैं.
हर रोज कहां किस तेजी से बढ़ रहे केस
- अमेरिका 68,257
- ब्राजील 60,549
- भारत 54,973
(31 जुलाई को 3-डे मूविंग एवरेज, सोर्स: Worldometer)
जब भी COVID-19 के मोर्चे पर भारत के लिए चुनौती का जिक्र होता है, तो लगभग हर बार सरकार की एक दलील होती है कि भारत की मृत्यु दर दूसरे कई देशों की तुलना में कम है.
1 अगस्त की शाम तक जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, COVID-19 से कुल मौतों के मामले में भारत (36511) दुनिया में पांचवें नंबर पर है. उससे ऊपर अमेरिका (153391), ब्राजील (92475), मैक्सिको (46688) और यूके (46204) हैं.
चलिए, इसी यूनिवर्सिटी के आंकड़ों के आधार पर अमेरिका, ब्राजील और भारत में COVID-19 से जुड़ी मृत्यु दर और 1 लाख आबादी पर होने वाली मौतों की स्थिति देखते हैं
1 लाख आबादी पर कहां कितनी मौतें
- अमेरिका: 46.48
- ब्राजील: 43.57
- भारत: 2.64
कहां कितनी मृत्यु दर?
- अमेरिका 3.4%
- ब्राजील 3.5%
- भारत 2.2%
COVID-19: क्या भारत की स्थिति और बिगड़ सकती है?
टाइम्स फैक्ट-इंडिया आउटब्रेक रिपोर्ट के हालिया अनुमानों के मुताबिक, सबसे खराब परिस्थिति के हिसाब से भारत 3 सितंबर को 9.86 लाख एक्टिव केस के साथ पीक पर पहुंच जाएगा, जबकि SEIR मॉडल के हिसाब से 1 सितंबर को 10.15 लाख एक्टिव केस के साथ भारत पीक पर पहुंचेगा.
यह रिपोर्ट दर्शाती है कि सोशल डिस्टेंसिंग जैसे उपायों के पालन में लगातार असफलता भारत के कोरोनो वायरस कर्व को दायीं ओर ऊपर की ओर तिरछा कर सकती है. (मतलब मामले तेजी से बढ़ सकते हैं.)
इस रिपोर्ट में SEIR मॉडल के हिसाब से एक्टिव केस की संख्या का जो अनुमान लगाया गया है, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस (IISc) के एक अनुमान में उसकी थोड़ी बड़ी संख्या दिखाई देती है.
दरअसल IISc ने कई अलग-अलग आधार पर भारत में COVID-19 के मामलों को लेकर अनुमान लगाए हैं. जिनमें से एक आधार है- सबसे खराब परिदृश्य. इसके तहत 1 सितंबर तक भारत में COVID-19 के 11.9 लाख एक्टिव केस, जबकि 35.4 लाख कन्फर्म्ड केस होने का अनुमान लगाया गया है.
हालांकि IISc ने अपने अनुमानों को 18 जून को अपडेट किया था, जिसके बाद COVID-19 के मोर्चे पर भारत की स्थिति और खराब ही हुई है.
इसके अलावा जुलाई की शुरुआत में मेसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी की एक स्टडी काफी चर्चा में रही थी, जिसमें अनुमान लगाया गया था कि अगर जल्द ही वैक्सीन नहीं बनी तो भारत में 2021 की शुरुआत में हर रोज सामने आने वाले COVID-19 मामलों की संख्या बढ़कर 2.87 लाख तक पहुंच सकती है.
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