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‘जमाती थूकते हैं’ कहने वाली डॉक्टर का नया वीडियो,कहा-गुस्से में थी

लीक वीडियो में लालचंदानी कथित तौर पर तब्लीगी जमात के लोगों को खुलकर आतंकवादी बता रही हैं.

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"ये तो आतंकी हैं, कहना नहीं चाहिए लेकिन ये (जमाती) आतंकी हैं, और इनको हम वीआईपी ट्रीटमेंट दे रहे हैं. खाना-पीना दे रहे हैं, अपनी जरूरत की चीजें इन पर बर्बाद कर रहे हैं. अपने डॉक्टरों को बीमार कर रहे हैं इनके लिए."

ये बोलबचन कानपुर मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल डॉक्टर आरती लालचंदानी के हैं. ये वही डॉक्टर हैं जो तबलीगी जमात के लोगों पर जगह-जगह थूकने और परेशान करने का आरोप लगा चर्चा में आ गईं थीं. अब इनका नया वीडियो भी वायरल हो रहा है जिसमें ये तबलीगी जमात के कार्यकर्ताओं को आतंकी तक बता दे रही हैं.

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इस नए वीडियो में कथित तौर पर डॉक्टर आरती उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भी अल्पसंख्यक तुष्टिकरण का रास्ता अपनाने जैसी बात करती सुनाई देती हैं.

हालांकि, क्विंट इस वीडियो के सही होने की पुष्टि नहीं करता है. लेकिन इसकी सच्चाई जानने के लिए क्विंट ने जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल से बात की

डॉक्टर आरती का पहले इनकार फिर इकरार

क्विंट ने इस वीडियो को लेकर डॉक्टर आरती से बात की. पहले तो डॉक्टर ने कहा, "बहुत दुख की बात है कि कुछ लोगों ने इस तरह से साजिश की है, ब्लैकमेल और रंगदारी मांगने की कोशिश की है, ये 70 दिन पुरानी चीज है जिसके बारे में आपस में हम लोगों ने सेटल कर लिया था, उसके बारे में इस तरह से वीडियो निकाला गया है."

जब क्विंट ने डॉक्टर आरती से पूछा कि उस वीडियो में आप साफ-साफ कहते सुनाई दे रही हैं कि जमात के लोगों को जंगल में फेंक देना चाहिए, तो डॉक्टर आरती तुरंत कहती हैं,

“वो गलत है, मेरी तरफ से कोई इंटरव्यू या बयान नहीं था, कुछ नहीं है. वो लोग मेरे घर आए थे, मेरे अंदर जो गुस्सा था, इतनी परेशानी थी, चिंता थी, उसको इन लोगों ने उकसा कर बुलवाया, वीडियो पर सुपर इंपोज किया, तबलीगी जोड़ा.”

“मैंने गुस्से में बोला होगा”

जब हमने और जोर देकर पूछा तो उन्होंने कहा-

“मैंने गुस्से में बोला होगा, लेकिन ये मेरा बयान या इंटरव्यू नहीं है. और इसका फायदा उठाया. हां गुस्से में बोला होगा. हां मैंने गुस्से में बोले हैं. कुछ शब्द गुस्से में बोले हैं.”

डॉक्टर आरती ने ही जमात के लोगों पर थूकने का लगाया था आरोप

बता दें कि ये वही डॉक्टर आरती हैं, जिन्होंने निजामुद्दीन के तबलीगी मरकज के कोरोना संक्रमित लोगों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था,

“तबलीगी जमात के लोग अपने हाथों पर थूककर जगह जगह दीवार और रेलिंग पर लगाते हैं, और इलाज भी नहीं होने दे रहे हैं और भागने की कोशिश करते हैं. तरह-तरह की डिमांड कर रहे हैं. ऐसे लोग डॉक्टर के इलाज से नहीं बल्कि पुलिस के इलाज से मानते हैं.”

डॉक्टर आरती की इस शिकायत के बाद ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने तबलीगी जमात के लोगों पर कड़ी कार्रवाई की बात कही थी.

क्या है लीक वीडियो में?

दरअसल ये लीक वीडियो करीब 60-70 दिन पहले का बताया जा रहा है. इस 4 मिनट 52 सेकेंड के वीडियो में डॉ आरती पत्रकारों से ये कहती सुनाई दे रही हैं कि उन्होंने सीएमओ से संक्रमित जमातियों को जंगल में छोड़ने देने के लिए कहा था. वीडियो में लालचंदानी कहती हैं,

“खातिरदारी छोड़िए, इन 22 लोगों को जंगल में डाल दीजिए, बंद कर दीजिए जंगल में, कालकोठरी में. 100 करोड़ लोग बलिदान दे रहे हैं, ये 30 करोड़ लोगों के लिए.”

डॉक्टर लालचंदानी ने क्विंट से बात करते हुए खुद माना कि यह वीडियो उनके घर का है जहां वो कुछ पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत कर रही थीं. वीडियो में लालचंदानी बीच-बीच में वो ये भी पूछ रही हैं कि 'आप लोग रिकॉर्ड तो नहीं कर रहे हैं?'

सीएम योगी पर तुष्टीकरण का आरोप

वीडियो में कथित तौर पर डॉक्टर आरती लालचंदानी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भी तुष्टीकरण  का आरोप लगाती हैं, वो कहती हैं,

“मुख्यमंत्री अपीजमेंट (तुष्टीकरण) कर रहे हैं. जिन्हें जेल में डालना चाहिए, उन्हें वीआईपी सुविधा दी जा रही है. आप लोग मीडिया से हैं. आप मुख्यमंत्री से कह सकते हैं कि क्यों इतना अपीजमेंट कर रहे हैं.”

अब तक कोई कार्रवाई नहीं

क्विंट ने इस मामले पर उत्तर प्रदेश के राज्य स्वास्थय मंत्री अतुल गर्ग से बात की तो उन्होंने इस पर बोलने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि वित्त और मेडिकल एजुकेशन मिनिस्टर सुरेश खन्ना से इस मामले में बात करें. हमने कई बार उन्हें भी कॉल किया, लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी. क्विंट ने इस बारे में कैबिनेट स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह से भी संपर्क करने की कोशिश की लेकिन बात नहीं हो सकी. फिलहाल डॉक्टर लालचंदानी पर अब तक किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

वहीं डॉक्टर लालचंदानी ने वीडियो बनाने वाले रिपोर्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की बात कही है. लेकिन डॉक्टर आरती पर ना तो कोई कार्रवाई हुई है ना ही उनसे इस मामले पर कोई जवाब मांगा गया है.

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