उत्तर प्रदेश में अब होम क्वॉरंटीन की इजाजत दे दी गई है. राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि जिन कोरोना वायरस संक्रमित लोगों में लक्षण नहीं दिख रहे हैं, वो इस बीमारी को छुपा रहे हैं और इससे संक्रमण बढ़ सकता है. इसलिए सरकार ने ये फैसला किया है कि एक तय प्रोटोकॉल का पालन करने पर होम क्वॉरंटीन की इजाजत दी जाएगी.
हालांकि, योगी सरकार ने साफ किया है कि COVID अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में COVID बेड मौजूद हैं. साथ ही सरकार ने कहा कि रोगी और उसके परिवार के लिए होम आइसोलेशन के प्रोटोकॉल का पालन करना अनिवार्य होगा.
उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा है कि होम आइसोलेशन की शर्तें बहुत ही सख्त होंगी, क्योंकि घर पर अगर कोरोना पॉजिटिव रह रहा है तो उसे इस तरह से रखा जाए की उसके संपर्क में कोई व्यक्ति न आए.
राज्य में चलाया जाएगा जागरुकता अभियान
सीएम योगी आदित्यनाथ ने राज्य में अनलॉक की समीक्षा के लिए हुई एक बैठक में कहा कि लोगों को कोरोना वायरस से जुड़े मुद्दों पर जागरुक किया जाए. योगी ने इस अभियान के लिए प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक, सोशल मीडिया के साथ-साथ होर्डिंग, बैनर, पोस्टर और पब्लिक एड्रेस सिस्टम के इस्तेमाल की इजाजत दी है.
सीएम योगी ने कहा कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए बेहतर इम्युनिटी जरूरी है और इस बारे में भी लोगों को जागरुक किए जाने की जरूरत है. योगी ने कहा कि लोगों को 'आरोग्य सेतु' और 'आयुष कवच कोविड' ऐप डाउनलोड करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए.
डोर-टू-डोर सर्वे जारी रहेगा
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना वायरस मरीजों की पहचान में डोर-टू-डोर सर्वे की भूमिका अहम रही है और ये आगे भी जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि इस दौरान मेडिकल स्क्रीनिंग में संदिग्ध पाए गए लोगों की रैपिड एंटीजन टेस्टिंग की जाए. योगी ने कहा कि संक्रमण नियंत्रित करने के लिए कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग भी की जानी चाहिए.
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि COVID अस्पतालों में सभी जरूरी सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं. L-1 COVID अस्पतालों में ऑक्सीजन की सुविधा और L-2 COVID अस्पतालों में ऑक्सीजन के साथ वेंटीलेटर की व्यवस्था रहनी चाहिए. साथ ही COVID और नॉन-COVID अस्पतालों में एम्बुलेंस की मौजूदगी सुनिश्चित की जाएं.
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