वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) की चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन (Soumya Swaminathan) ने अलग-अलग कोविड वैक्सीन (COVID Vaccine) को मिक्स और मैच करने को लेकर चेतावनी दी है. स्वामीनाथन ने कहा कि ये एक खतरनाक ट्रेंड है और स्वास्थ्य पर इसके असर को लेकर डेटा की भी कमी है.
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, एक ऑनलाइन ब्रीफिंग में स्वामीनाथन ने कहा, "ऐसे लोग हैं जो मिक्स और मैच के बारे में सोच रहे हैं. हमें ऐसे लोगों से बहुत सवाल मिलते हैं जो कहते हैं कि उन्होंने एक डोज ली है, और दूसरी डोज अलग वैक्सीन से लेने के बारे में सोच रहे हैं. ये एक खतरनाक ट्रेंड है. मिक्स और मैच को लेकर अभी हम डेटा फ्री, एविडेंस फ्री जोन में हैं."
स्वामीनाथन ने आगे कहा कि अगर नागरिक ये तय करना शुरू कर दें कि दूसरी, तीसरी और चौथी खुराक कब और कौन लेगा, तो ये एक अराजक स्थिति होगी.
एंजेला मर्केल ने लगवाई अलग-अलग वैक्सीन
जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने कोविड वैक्सीन की अलग-अलग डोज लगवाई हैं. मर्केल ने अप्रैल में पहली वैक्सीन ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की लगवाई थी, वहीं पिछले महीने जून में उन्होंने दूसरा डोज मॉडर्ना वैक्सीन का लिया.
BBC की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना वायरस के मामले बढ़ने के बाद थाईलैंड भी वैक्सीन मिक्स करने का फैसला लिया है. थाईलैंड ने अपनी वैक्सीन पॉलिसी में बदलाव किया है और अब चीन की साइनोवैक और एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन को मिक्स किया जाएगा.
ये फैसला साइनोवैक वैक्सीन के दोनों डोज लगने के बाद भी लोगों के कोविड से संक्रमित होने के बाद लिया गया. अब लोगों को साइनोवैक के पहले डोज के बाद दूसरा डोज एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का दिया जाएगा.
अमेरिका की फाइजर-बायोएनटेक, मॉडर्ना, ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका, चीन की साइनोवैक, भारत की कोवैक्सीन, रूस की स्पुतनिक वी समेत ज्यादातर वैक्सीन को दो डोज में दिया जाता है. सभी वैक्सीन के इंटरवल को लेकर अलग-अलग गाइडलाइंस हैं.
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