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चिदंबरम की कस्टडी बढ़ी, वकील बोले-जेल में न कुर्सी मिल रही,न तकिया

सीबीआई की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायिक हिरासत बढ़ाने की मांग की

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आईएनएक्स मीडिया मामले में दिल्ली की स्पेशल कोर्ट ने 19 सितंबर को कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम की न्यायिक हिरासत तीन अक्टूबर तक बढ़ा दी. स्पेशल जज अजय कुमार कुहाड़ ने चिदंबरम की मेडिकल जांच की भी अनुमति दे दी.

सीबीआई की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायिक हिरासत बढ़ाने की मांग की और कहा कि चिदंबरम को जिस दिन पहली बार जेल भेजा गया था, तब से परिस्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है.

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चिदंबरम की पैरवी कर रहे सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने न्यायिक हिरासत की बढ़ाने के सीबीआई की मांग का विरोध किया. सिब्बल ने चिदंबरम की ओर से कोर्ट से अनुरोध किया कि उनके मुवक्किल को न्यायिक हिरासत के दौरान तिहाड़ जेल में रहते हुए समय-समय पर मेडिकल जांच और पर्याप्त मात्रा में पोषक आहार मुहैया कराया जाए.

73 साल के चिदंबरम को कई बीमारियां हैं और हिरासत में रहते हुए उनका वजन भी कम हुआ है. वह पांच सितंबर से न्यायिक हिरासत में हैं.
कपिल सिब्बल, सीनियर एडवोकेट

चिदंबरम की ओर से सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि उनके मुवक्किल को कोठरी के बाहर हॉल में बैठने के लिए कुर्सी मिली थी, जिसे ले लिया गया है. अब वह सिर्फ बिस्तर पर बैठ सकते हैं. उन्हें तकिया भी नहीं दिया गया है.

कपिल सिब्बल ने कोर्ट से चिदंबरम का एम्स में जांच कराने की अनुमति की भी मांग की.

पी चिदंबरम की जमानत याचिका पर अब दिल्ली हाईकोर्ट में 23 सितंबर को सुनवाई होगी. हाईकोर्ट ने इस मामले में सीबीआई को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. चिदंबरम ने सीबीआई मामले को लेकर जमानत याचिका दायर की है.

चिदंबरम फिलहाल तिहाड़ जेल में हैं. INX मीडिया ग्रुप को 2007 में 305 करोड़ रुपये की विदेशी राशि मिलने के लिए FIPB की मंजूरी में कथित अनियमितताओं को लेकर CBI ने 15 मई, 2017 को एक प्राथमिकी दर्ज की थी. उस वक्त चिदंबरम वित्त मंत्री के पद पर थे. बाद में ED ने भी इस संबंध में मनी लॉन्ड्रिंग का एक मामला दर्ज किया था.

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