कोरोना वायरस (COVID 19) की दूसरी लहर का भारत में सबसे ज्यादा कहर देखने को मिला. इस बार सबसे ज्यादा संक्रमण युवाओं को हुआ, लेकिन अब तीसरी लहर की सुगबुगाहट भी शुरू हो चुकी है. कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि तीसरी लहर और भी ज्यादा खतरनाक हो सकती है और इसमें बच्चों को ज्यादा खतरा हो सकता है. इसीलिए अब बच्चों के लिए वैक्सीन ट्रायल शुरू होने जा रहे हैं. बताया जा रहा है कि दिल्ली एम्स में सोमवार 7 जून से बच्चों पर कोवैक्सीन (Covaxin) के ट्रायल के लिए स्क्रीनिंग शुरू होने जा रही है.
एम्स दिल्ली और पटना में ट्रायल
बता दें कि भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को बच्चों पर ट्रायल के लिए मंजूरी मिली थी. ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने 2-18 साल के उम्र के बच्चों के लिए COVAXIN के ट्रायल को मंजूरी दी थी. जिसके बाद कंपनी की तरफ से कहा गया था कि जल्द बच्चों पर इसके ट्रायल शुरू होंगे.
एम्स दिल्ली के अलावा पटना एम्स में भी कोवैक्सीन के बच्चों पर ट्रायल शुरू हो चुके हैं. यहां पर बच्चों की स्क्रीनिंग के बाद ट्रायल शुरू किए जा चुके हैं.
भारत में फिलहाल कुल तीन वैक्सीन को इस्तेमाल की मंजूरी मिली है. जिनमें फिलहाल कोविशील्ड और रूस की स्पूतनिक को बच्चों पर ट्रायल की मंजूरी नहीं है. बच्चों के लिए फाइजर वैक्सीन की बात भी चल रही है. जिसका इस्तेमाल कनाडा और अमेरिका में बच्चों पर शुरू हो चुका है.
राज्यों ने शुरू की तैयारियां
इससे पहले जब तमाम एक्सपर्ट्स ने ये अंदाजा लगाया था कि कोरोना की अगली लहर में बच्चे सबसे ज्यादा संक्रमित हो सकते हैं, क्योंकि तब तक पूरी आबादी में वो ही ऐसे होंगे जिन्हें वैक्सीन की डोज नहीं लगी होगी. इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भी चिंता जताई थी और इसे लेकर जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए थे. इसके बाद कई राज्यों ने तीसरी लहर के लिए तैयारियां भी शुरू कर दी हैं. सबसे ज्यादा प्रभावित महाराष्ट्र में बच्चों के लिए अलग से आईसीयू बेड्स तैयार किए जा रहे हैं.
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