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COVID-19: 100 से लेकर 1 लाख केस तक, दूसरे देशों की तुलना में भारत

अमेरिका, यूके, फ्रांस जैसे देशों के मुकाबले भारत में काफी दिनों बाद 1 लाख पहुंचे कोरोना केस

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कोरोना वायरस को भारत में आए करीब 4 महीने का वक्त हो चुका है. चार महीने बाद भारत में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 1 लाख पार हुई है. हालांकि ये भारत के लिए एक चिंता की बात है, लेकिन अगर बाकी प्रभावित देशों से तुलना करें तो भारत में कोरोना मामलों को 1 लाख तक पहुंचने में ज्यादा समय लगा. यानी भारत ने समय रहते ही जरूरी कदम उठा लिए.

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और worldomerer.info के डेटा के मुताबिक, भारत में कोरोना के पहले मरीज से लेकर 1 लाख तक पहुंचने में करीब 109 दिन का वक्त लगा. वहीं 100 केस से लेकर 1 लाख तक पहुंचने में 64 दिन लगे.

भारत में 25 मार्च से पूरा लॉकडाउन लगा दिया गया था. उस वक्त भारत में करीब 600 कोरोना केस आए थे. सब कुछ बंद होने से और लोगों के घरों से बाहर न निकलने से अमेरिका, यूके, इटली, स्पेन, फ्रांस और जर्मनी जैसे देशों की तुलना में भारत में कोरोना की रफ्तार कम हुई.
अमेरिका, यूके, फ्रांस जैसे देशों के मुकाबले भारत में काफी दिनों बाद 1 लाख पहुंचे कोरोना केस

इन देशों में तेजी से बढ़े केस

अमेरिका जैसे सुपरपावर देश में आज दुनिया के सबसे ज्यादा कोरोना पॉजिटिव केस हैं. हेल्थ सिस्टम में भारत से कई गुना ज्यादा सक्षम इस देश में कोरोना के केस तेजी से बढ़े. यहां कोरोना मामलों को 100 से एक लाख तक पहुंचने में सिर्फ 25 दिन लगे. अमेरिका में अभी कुल केस 15 लाख से भी ज्यादा हैं. जबकि 92 हजार से भी ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.

अमेरिका के अलावा इटली में भी कोरोना ने अपना कहर दिखाया. यहां कोरोना के मामलों को 100 से एक लाख तक पहुंचने में 36 दिन का वक्त लगा. फिलहाल यहां दो लाख से भी ज्यादा कोरोना के मामले आ चुके हैं. वहीं 32 हजार से भी ज्यादा लोगों की मौत हुई है.

इसी तरह यूके में भी 42 दिन में कोरोना के मामले 100 से एक लाख पहुंच गए. वहीं फ्रांस में 100 से एक लाख पहुंचने में 39 दिन लगे. वहीं जर्मनी में कुल 35 दिन और स्पेन में 30 दिन में ही कोरोना के मामले 100 से एक लाख तक पहुंचे.

बता दें कि दुनियाभर में कोरोना के अब तक 49 लाख से भी ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. वहीं 3 लाख से भी ज्यादा लोग इस खतरनाक महामारी से अपनी जान गंवा चुके हैं. दुनियाभर के डॉक्टर और साइंटिस्ट अब तक इस वायरस के इलाज के लिए रिसर्च में जुटे हैं. इस महामारी से दुनियाभर के कई देश अब तक लॉकडाउन में हैं. जिससे रोजाना हर देश को हजारों करोड़ का नुकसान हो रहा है.

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